नई दिल्ली। भाई-बहन का त्योहार भाईदूज जल्द ही मनाया जाने वाला है। हर साल यह त्योहार बड़ी धूमधाम से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं। अगर आप भी अपने भाई की लंबी उम्र चाहती हैं तो भाई दूज के दिन इस उपाय को आप जरूर कर सकती हैं। इससे आपका भाई यमराज के भय से मुक्त हो जाएगा और उसके ऊपर यमराज का प्रकोप नहीं होगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता संज्ञा से भगवान सूर्य की दो संतानें हैं। जिनका नाम यमराज और यमुना है। माता संज्ञा जब सूर्य का तेज नहीं सह पाईं तो वे दोनों संतानों को छाया को सौंप कर वहां से चली गई। छाया को यमराज और यमुना से ज्यादा लगाव नहीं था। लेकिन यमुना मैया को अपने भाई यमराज से बहुत प्रेम था। यमुना मैया अपने भाई यमराज के घर अक्सर जाया करती थीं। और उनके दुख-सुख में साथ देती थीं। यमुना मैया यमराज को भी अपने घर पर आने के लिए आमंत्रित करती थीं। लेकिन काम की व्यस्तता के कारण वे कभी आ नहीं पाते थे।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को एक बार यमराज अपनी बहन यमुना के घर अचानक पहुंच गए। यमुना के घर जाते समय यमराज ने नरक में रह रहे जीवों को मुक्त कर दिया था। यमराज की बहन यमुना ने अपने घर पर उनका खूब आदर सत्कार किया। उनके माथे पर तिलक लगाया और तरह-तरह के पकवान बनाकर उनको भोजन करवाया। जब यमराज बहन यमुना के घर से चलने लगे तो उन्होंने मनचाहा वरदान मांगने को कहा।
भाई दूज के दिन करें ये कामइसके बाद यमुना मैया ने कहा कि अगर आप कुछ वर देना ही चाहते हैं तो वरदान दीजिए कि आप हर साल मेरे घर इसी तिथि पर आएंगे और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे। जो भी भाई दूज के दिन अपनी बहन के घर आपकी ही तरह जाएगा। टीका करवाएगा और बहन उसको प्रेम से भोजन खिलाएगी तो उसे आपका भय कभी नहीं रहेगा फिर यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि ऐसा ही होगा।
– माना जाता है कि भाई दूज के दिन भाई-बहन, यदि संभव हो तो यमुना स्नान अवश्य करें। यदि संभव नहीं है तो शुद्ध जल के छींटे भाई-बहन अपने पर दे सकते हैं।
– इसके बाद बहन भाई को तिलक करा कर ही भोजन करवाएं। यदि किसी कारणवश भाई बहन के यहां उपस्थित ना हो तो वह स्वयं चलकर भाई के यहां पहुंचे। तिलक करने के बाद ही बहन पकवान-मिष्ठान्न का भोजन भाई को कराएं।
– इस दिन किसी भूखे को भोजन करवाने से आपके ऊपर भी यमराज की कृपा होगी।
– तिलक करते समय बहनें ‘गंगा पूजे यमुना को यमि पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्णा को गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बड़े’ ऐसा कहें।
– इस दिन शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुखी दिया जला कर घर के बाहर जरूर रखें।