रामपुर। लोकसभा चुनाव में रामपुर की सीट एकबार फिर चर्चाओं में है। रामपुर सीट को लेकर सपा नेता आजम खां ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को उलझाने के लिए जो जाल बुना था, उसमें वो खुद ही उलझ गए हैं। उनके करीबी आसिम राजा व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब्दुल सलाम का नामांकन खारिज हो चुका है। अब सपा के प्रत्याशी मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी होंगे।
अब आजम खां के समर्थक असमंजस में हैं कि वो क्या करें। बीते दिनों सीतापुर जेल में आजम खां से सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मिलने के बाद रामपुर की राजनीति को लेकर हलचल शुरू हो गई थी। जिसके बाद आजम खां ने अपनी पसंद का प्रत्याशी न बताकर अखिलेश यादव से रामपुर से चुनाव लड़ने को कहा।
इसके बाद अखिलेश यादव के भतीजे तेजप्रताप यादव का नाम रामपुर सीट से प्रत्याशी बनाने के लिए चला, लेकिन चर्चा है कि आजम खां अखिलेश यादव या डिंपल यादव को रामपुर से प्रत्याशी बनाना चाहते थे। यहां प्रत्याशी घोषित न होने पर आजम खां के करीबी आसिम राजा व जिलाध्यक्ष अजय सागर ने नामांकन की अंतिम तिथि से एक दिन पहले राजद्वारा स्थित सपा कैंप कार्यालय पर प्रेसवार्ता करते हुए आजम खां के लिखे पत्र को जारी करते हुए चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया।
ऐसे में शहर से लेकर देहात तक सपा के प्रत्याशी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। क्योंकि जिला स्तर पर एक सीट के चुनाव का बहिष्कार को लेकर सपा हाईकमान के स्टैंड पर सभी की नजरें टिकी रहीं। बुधवार को नामांकन के अंतिम दिन स्वार के रजानगर गांव निवासी मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी का नाम सामने आ गया।
वो दिल्ली पार्लियामेंट्री स्ट्रीट की जामा मस्जिद के इमाम हैं और राजनीतिक लोगों के बेहद करीबी हैं। मौलाना नदवी के नामांकन के बाद आजम खां के करीबी और पिछले उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी रहे आसिम राजा भी नामांकन करने पहुंच गए। जबकि एक दिन पहले ही उन्होंने प्रेसवार्ता करते हुए चुनाव का बहिष्कार किया था। ऐसे में अगले दिन वो किस प्लानिंग के तहत नामांकन करने पहुंचे, ये चर्चा का विषय रहा। हालांकि, सिंबल न होने के चलते आसिम राजा का नामांकन निरस्त हो गया। कुल मिलाकर आजम और उनके समर्थक अपने ही जाल में फंस गए। अब आजम के समर्थक उनके अगले निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।
नामांकन खारिज होने के बाद आसिम राजा ने कहा कि सिंबल नहीं था तो नामांकन खारिज होना था। हमारा आगे का क्या स्टेप रहेगा ये आने वाला समय बताएगा। वहीं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और सपा नेता अब्दुल सलाम का नाम भी प्रत्याशी के तौर पर चलता रहा। मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी के नामांकन के बाद रामपुर के एक होटल में वो नामांकन के अंतिम समय तक सिंबल के लिए जद्दोजहद करते नजर आए। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशों का पालन करते हुए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने मौलाना नदवी को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
सपा नेता आजम खां के विरोधी मशकूर अहमद मुन्ना ने मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी के रामपुर सीट से सपा प्रत्याशी बनाने पर खुशी जताई है। मशकूर मुन्ना ने कहा कि रामपुर सीट पर दो लाख वोट तुर्क बिरादरी का है, ऐसे में तुर्क बिरादरी का प्रत्याशी घोषित कर सपा ने अच्छा कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में सपा के जिले के नेता भाजपा की बी-टीम बनकर काम कर रहे हैं। प्रेसवार्ता करते हुए पदाधिकारियों ने चुनाव का बहिष्कार किया है, उससे पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है। इन लोगों पर पार्टी को कार्रवाई करनी चाहिए।