नई दिल्ली . हस्‍तरेखा शास्‍त्र के अनुसार हाथ की रेखाओं के अलावा हथेली में बने पर्वत, शुभ-अशुभ निशान, आकृतियां, चिन्‍ह भी बहुत अहम होते हैं. ये व्‍यक्ति के जीवन के विभिन्‍न पहलुओं पर अच्‍छा-बुरा असर डालते हैं. साथ ही जातक का भविष्‍य और उसका स्‍वभाव बताते हैं. हाथ की इन रेखाओं और पर्वत में शनि रेखा और शनि पर्वत भी शामिल हैं. शनि पर्वत और शनि रेखा की शुभ-अशुभ स्थिति जीवन पर गहरा असर डालती है. शनि पर्वत के शुभ और अशुभ लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए आज शनि पर्वत के कारण होने वाले शुभ-अशुभ असर के बारे में जानते हैं.

हथेली में मध्‍यमा उंगली के नीचे का भाग शनि पर्वत कहलाता है. यदि हाथ में शनि पर्वत शुभ स्थिति में हो तो जातक को अकूत संपत्ति का मालिक बना सकता है और खूब सफलता भी दिलाता है.

शनि पर्वत अच्‍छी तरह विकसित हो तो जातक बहुत भाग्‍यशाली होता है. ऐसा जातक जीवन में ऊंचा पद और सम्‍मान हासिल करता है. ये लोग अपने लक्ष्‍यों को लेकर खासे जुनूनी होते हैं, और अपना लक्ष्‍य पूरा करके ही दम लेते हैं.

यदि शनि पर्वत कुछ ज्‍यादा ही विकसित हो व्‍यक्ति के स्‍वभाव एक जैसा नहीं रहता है. उसके व्‍यवहार में बार-बार परिवर्तन होता रहता है. कह सकते हैं कि ऐसे लोगों को समझ पाना आसान नहीं होता है.

जिस जातक की हथेली में शनि पर्वत में अच्‍छी तरह विकसित हो, इसके अलावा उसका सूर्य और गुरु पर्वत भी उभरा हुआ हो तो ऐसे व्‍यक्ति को अकूत धन मिलता है. वे जीवन में खूब पैसा भी कमाते हैं और जिस क्षेत्र में जाएं ऊंचा पद पाते हैं.

शनि पर्वत के उभार के अलावा उस पर बने निशान भी शुभ-अशुभ फल देते हैं. यदि शनि पर्वत पर त्रिकोण बना हो तो यह शुभ फल देता है. वहीं शनि पर्वत पर क्रॉस या द्वीप का निशान होना अशुभ माना जाता है. ऐसे लोगों के जीवन में एक के बाद एक परेशानियां झेलते हैं. इन लोगों को शनि देव की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा-अर्चना, उपाय जरूर करने चाहिए.