बिजनौर। धामपुर चीनी मिल के गन्ना महाप्रबंधक ओमवीर सिंह ने बताया कि सात गन्ना समितियों के माध्यम से करीब 80 हजार किसान चीनी मिल को गन्ने की आपूर्ति करते हैं। करीब 48000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की पैदावार की थी। मगर, इस बार बाढ़ ,बारिश और लाल सड़न रोग ने सैकड़ों हेक्टेयर में खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया। इससे मिल को 50 लाख क्विंटल गन्ने का भारी नुकसान होने हुआ है। बताया कि वर्तमान सत्र में चीनी मिल का सत्र 30 अक्टूबर 2024 को चालू हुआ था, जो 20 अप्रैल तक संपन्न होने की उम्मीद है।
पिछले साल धामपुर चीनी मिल ने 265 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई कर देश में नंबर वन होने का कीर्तिमान स्थापित किया था। मगर, इस बार गन्ने की भारी कमी के कारण पुराने रिकार्ड को ध्वस्त करना मिल अधिकारियों के लिए चुनौती बना है। अधिकारियों का कहना है कि 122 दिन के पेराई सत्र में धामपुर चीनी मिल 48 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में खड़े गन्ने की पेराई कर चुकी है। करीब 16 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में अभी गन्ना और शेष है। संभावना है कि 20 अप्रैल तक हर हाल में चीनी मिल इस गन्ने की पेराई कर देगी।
अधिकारियों का कहना है कि इस बार 26 हजार हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल में बुआई करने का लक्ष्य रखा गया है। फरवरी, मार्च का महीना बुवाई के लिए सर्वोत्तम है। अब तक 1500 हेक्टेयर में बुवाई की जा चुकी है। उन्होंने 0238 प्रजाति के स्थान पर को. 0118, को. 15023, कोएलके 14201 आदि नवीन प्रजातियां से बुवाई किए जाने का सुझाव दिया है। बताया कि यदि किसान 0238 प्रजाति से बुवाई करना चाहते हैं तो वह बीज को कम से कम 10- 12 घंटे तक बीज को उपचारित करने के बाद ही बुवाई करें ।