बिजनाैर। बिजनाैर जनपद में धामपुर क्षेत्र के गांव हबीबवाला के जंगल में उत्पात मचा रहे हाथी ने मुर्सलीन को हमला कर मार डाला। मुर्सलीन दुस्साहस दिखाते हुए शांत खड़े हाथी को भगाने गया था। मगर, हाथी क्रोधित हो गया और उस पर हमला कर दिया। फिलहाल, हाथी जंगल में ही खड़ा है। धामपुर-नगीना रेंज के वन विभाग के अधिकारियों की टीम पुलिस के साथ उसकी निगरानी कर रही है।
तीन सप्ताह से कालागढ़ की हाईडिल कॉलाेनी में उत्पात मचा रहा यह हाथी मंगलवार की रात कालागढ़ और अफजलगढ़ से गुजरता हुआ बुधवार सवेरे धामपुर क्षेत्र के गांव हबीबवाला में पहुंच गया।
ग्रामीणों की सूचना पर धामपुर और नगीना रेंज के वन विभाग के अधिकारियों टीम के साथ मौके पर पहुंची। हाथी दोपहर तक गन्ने के खेत में पेड़ों की छाया में शांत स्वभाव से खड़ा रहा। हाथी को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लग गई। इसी भीड़ में से गांव बगदाद अंसार निवासी मुर्सलीन(30) पुत्र खुर्शीद अकेला हाथी के पास जाकर उसे डराने का प्रयास करने लगा। इससे क्रोधित हुए हाथी ने पीछा कर उसे दौड़ा लिया और ठोकर मार दी। इससे मुर्सलीन 25-30 फुट दूर जाकर गिरा और गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद हाथी अपने आप पीछे हट गया।
लोगों ने किसी तरह उसे वहां से उठाकर निजी अस्पताल में भर्ती कराया। हालत चिंताजनक होने पर उसे मुरादाबाद रेफर कर दिया गया। वन रेंज के क्षेत्राधिकारी गोविंदराम गंगवार ने बताया कि मुरादाबाद अस्पताल के चिकित्सकों ने मुर्सलीन को मृत घाेषित कर दिया। डीएफओ अरुण कुमार सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उनकी मौजूदगी में फायरिंग कर हाथी को जंगल से वनों की ओर से खदेड़ने का प्रयास किया। पर अभी तक सफलता नहीं मिली। वन विभाग और पुलिस टीम को ग्रामीणों की भीड़ को जंगल की ओर जाने से रोकने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आसपास के गांवों में मसजिदों और मंदिरों से ऐलान भी कराया गया।
घटना से इलाके के लोगों में दहशत है। वन रेंज के क्षेत्राधिकारी गोविंदराम गंगवार का कहना है कि क्षेत्र में मानव वन्यजीव संघर्ष की यह पहली घटना है। धामपुर और नगीना रेंज की टीम पुलिस के साथ हाथी की निगरानी कर रही है। ग्रामीणों की भीड़ को हाथी के पास न जाने की हिदायत दी गई है। देर शाम हाथी को साहूवाला रेंज की ओर खदेड़ दिया गया। तीन सप्ताह से कार्बेट टाइगर रिजर्व के वनों से हाथी उत्तराखंड जलविद्युत निगम की राजकीय काॅलोनी में घुस रहे हैं। मंगलवार की रात दो बजे हाथी बांध परियोजना की सिंचाई विभाग काॅलोनी में भी घुस आया। वन विभाग के गश्ती दलों ने फायरिंग कर उसे वनों में खदेड़ा।
वन क्षेत्राधिकारी नंदकिशोर रूवाली का कहना है कि हाथी को दो राउंड फायर कर जंगल में खदेड़ा गया। गश्ती दल सतर्क हैं। उधर, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता विजय सिंह ने बताया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से काॅलोनी में गश्त करने और गश्ती दलों के फोन नंबर सार्वजनिक करने को लिखा है। हाथी के हमले में मरे व्यक्ति को पांच लाख रुपये तक का मुआवजे का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश में तात्कालिक सहायता नहीं दी जाती है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।