नई दिल्ली। आज भी जब हम एलियन, भूत और जलपरी जैसी चीजों को बारे में सुनते हैं तो भरोसा नहीं कर पाते. ऐसा इसलिए क्योंकि, लोग ऐसी चीजों पर भरोसा नहीं करते. हालांकि, लोगों को कई सबूत मिले हैं, लेकिन संदेह की स्थिति हमेशा बरकरार बनी रहती है. इस दुनिया में जलपरी भी मौजूद है, अभी तक इसका कोई सबूत नहीं मिला. लेकिन कुछ अवशेष हमें इस बात को सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि सालों-साल पहले ऐसा हुआ करता था. जैसे ही ऐसी खबरें लोगों को मालूम चलती है तो शक के घेरे में आकर इसे मानने से इनकार कर देते हैं. कुछ ऐसा ही एक मामला और सामने आया है.
करीब 300 साल पहले मछुआरे मिली थी लाश
न्यू यॉर्क पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक, रहस्यमय 12 इंच के जीव को कथित तौर पर जापानी द्वीप शिकोकू से 1736 और 1741 के बीच प्रशांत महासागर में मछुआरे द्वारा पकड़ा गया था, और अब इसे असाकुची शहर के एक मंदिर में रखा गया है. जलपरी जैसी दिखने वाली ममी के बारे में कहा जा रहा है कि जो कोई भी इसके मांस का स्वाद लेगा, उसे अमरत्व मिल जाएगा. वैज्ञानिकों द्वारा इसकी वास्तविक प्रकृति को प्रकट करने के लिए जांच की जाएगी.
जैसा कि हम तस्वीर में देख सकते हैं कि मछली की तरह निचले आधे हिस्से को छोड़कर मुस्कुराता हुआ चेहरा, नुकीले दांत, दो हाथ, सिर और भौंह पर बाल मौजूद हैं. यह एक भयानक मानवीय रूप में दिखाई दे रहा है.
इस यूनिवर्सिटी में जलपरी ममी की होगी जांच
अब कुराशिकी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड द आर्ट्स के शोधकर्ताओं ने इसके रहस्यों को जानने के लिए ममी को सीटी स्कैनिंग के लिए लिया है. प्रोजेक्ट के साथ आए ओकायामा फॉकलोर सोसायटीके हिरोशी किनोशिता ने कहा कि विचित्र प्राणी का धार्मिक महत्व भी हो सकता है.
जलपरी का मांस खाने पर 800 साल जिंदा रही महिला!
हिरोशी ने कहा, ‘जापानी मत्स्यांगनाओं में अमरता की मान्यता है. ऐसा कहा जाता है कि यदि आप मत्स्यांगना (जलपरी) का मांस खाते हैं, तो आप कभी नहीं मरेंगे. जापान के कई हिस्सों में एक मान्यता है कि एक महिला ने गलती से एक जलपरी का मांस खा लिया और 800 साल तक जीवित रही. यह ‘याओ-बिकुनी’ मान्यता उस मंदिर के पास भी संरक्षित है जहां जलपरी ममी पाई गई थी. मैंने सुना है कि कुछ लोग इस मान्यता में भी विश्वास करते हैं कि जलपरी ममियों के मांस खाए जाते थे.’
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि हो सकता है कि वायरस के चपेट में आने के बाद किसी इंसान की ऐसी हालत हो गई. फिलहाल, अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि यह बरसों पुरानी ममी के पीछे का सच क्या है.