मुजफ्फरनगर. नलकूप खंड कार्यालय की अलमारी में दस्तावेज जलाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया। अधिशासी अभियंता ने कार्यालय का कमरा सील करा दिया है। आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी चल रही है। प्रकरण की जांच के लिए विभागीय टीम गठित की जाएगी। जिस अलमारी में आग लगाई गई, उसमें जीपीएफ के दस्तावेज रखे हुए थे। अधिशासी अभियंता नलकूप खंड अनिल कुमार ने मुंशी विशाल कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। अंदेशा जताया गया कि आरोपी वित्तीय घटनाक्रम में शामिल है और आग लगाने में भी शामिल है।
बृहस्पतिवार को मेरठ रोड स्थित कार्यालय में दिनभर आग का प्रकरण चर्चा का विषय बना रहा। इलाहाबाद गए अधिशासी अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि जिस कार्यालय में अलमारी रखी गई है, उसे सील करा दिया गया है। शुक्रवार को मामले की विस्तृत जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। आरोपी के खिलाफ कार्यवाही होगी। फिलहाल मामला एक ही कर्मचारी के दस्तावेजों का लग रहा है, लेकिन जांच टीम की रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। उधर, कार्यालय में दिनभर कर्मचारी प्रकरण को लेकर चर्चा करते रहे।
क्या है मामला
मेरठ रोड पर डीएम आवास के पास नलकूप खंड कार्यालय है। कार्यालय की एक अलमारी में आग लगने के मामले ने तूल पकड़ लिया। आरोप है कि नलकूप चालक नरेश चंद को दस्तावेजों में चौकीदार दर्शाकर नई पेंशन स्कीम के चलते 13.20 लाख का भुगतान कर दिया गया है। जबकि नरेश ने कोषागार में इस संबंध में आवेदन नहीं किया है।
मुंशी की भूमिका पर उठा रहे सवाल
शिकायतकर्ता का कहना है कि आग साजिश के तहत लगाई गई है। ऑफिस के मुंशी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। अधिशासी अभियंता अनिल कुमार ने शहर कोतवाली में तहरीर दी है, जिसके बाद से मुंशी कार्यालय नहीं पहुंचा है।
प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से भिजवाई तहरीर
अधिशासी अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि वह इलाहाबाद में है। प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से कोतवाली में प्रकरण की तहरीर दी गई है। पूरा प्रकरण उनके संज्ञान में है और उच्चाधिकारियों को भी सूचना दे दी गई है।
खाते में पहुंचे 13 लाख तो खुला खेल
नलकूप चालक नरेश चंद ने अधिशासी अभियंता, जिला कोषाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों से शिकायत की थी। उनका कहना था कि एसबीआई खतौली के उनके वेतन खाते में 13.20 लाख रुपये 12 अप्रैल को स्थानांतरित हुए हैं। जबकि उन्होंने कोई दावा धनराशि का नहीं किया था।