नई दिल्‍ली: अक्‍सर एक ही त्‍योहार, तिथि अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तारीखों में मनाई जाती है. इसके पीछे वजह अलग-अलग पंचांगों में दी गईं अलग तारीखें होती हैं. लेकिन अब इस समस्‍या से निजात मिलने जा रही है. अब से देश में एक त्‍योहार को मनाने की एक ही तारीख होगी. इसके लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार की पहल पर अब एक नेशनल कैलेंडर तैयार किया जाएगा, जिसमें हर त्‍योहार को मनाने की एक ही तारीख होगी. इसके अलावा इस पहल से अंग्रेजी कैलेंडर की जगह भारतीय कैलेंडर को मान्‍यता मिलेगी.

इसके लिए देशभर के 300 विद्वान 2 दिन तक उज्जैन में मंथन करेंगे. इससे विभिन्न अंचलों में पंचांगों के कारण व्रत-त्योहार, तिथि आदि को लेकर उत्पन्न होने वाले भेद समाप्त हो जाएंगे. इसके अलावा त्‍योहारों की अलग-अलग तारीखों के कारण अलग-अलग राज्‍यों में सरकारी अवकाशों की तारीखें भी अलग रहती हैं. जिससे खासी समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है.

स्‍वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर पहल
देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के परिप्रेक्ष्य में केंद्र सरकार ने भारतीय कैलेंडर को मान्‍यता देने के लिए यह पहल की है. इसके तहत भारतीय राष्ट्रीय दिनदर्शिका को लेकर विक्रम विश्वविद्यालय में 22-23 अप्रैल को 2 दिन देशभर के विद्वानों की राष्ट्रीय संगोष्ठी और पंचांगों की प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, केंद्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान प्रसार, भारतीय तारा भौतिकी संस्थान, खगोल विज्ञान केंद्र, विज्ञान भारती, धारा, मप्र विज्ञान-प्रौद्योगिकी परिषद, विक्रम विश्वविद्यालय व पाणिनी संस्कृत विवि उज्जैन आदि हिस्‍सा ले रहे हैं.

इससे पहले 1952 में देश में यूनिफार्म कैलेंडर के लिए कैलेंडर रिफॉर्म कमेटी गठित की गई थी. लेकिन बाद में मामला आगे नहीं बढ़ पाया था. हाल ही में केंद्र सरकार ने फिर से इसकी पहल शुरू की है.