नई दिल्ली. नीति शास्त्र में जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र बताए गए हैं. आचार्य चाणक्य की बातें कामयाबी के साथ मान-प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी भी दिलाती है. चाणक्य कहते हैं कि धन से बढ़कर मान सम्मान होता है. धन नहीं बल्कि कर्मों के बल पर हमें मान सम्मान प्राप्त होता है. आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों के बारे में जिक्र किया है जो हर जगह तारीफ-ए-काबिल होते हैं. आइए जानते हैं कौन से हैं वो गुण जो व्यक्ति के मान सम्मान में चार चांद लगाते हैं.
सम्मान न खरीदा जा सकता है न ही किसी से छीन सकते हैं. मान-प्रतिष्ठा पाना है तो दूसरों को सम्मान देना चाहिए. कोई व्यक्ति छोटा नहीं होता. दूसरों को नीचा दिखाने वाले व्यक्ति सम्मान के लायक नहीं होता. अपने साथ दूसरों को सम्मान का भी पूरा ध्यान रखें तभी हर जगह आपकी तारीफ होगी.
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति के कर्म उसे महान बनाते हैं. इसलिए काम के प्रति कभी ढिलाई न करें. उसे कभी कल पर न टालें. अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण रूप से निर्वहन करने वाले व्यक्ति हर जगह सम्मान के पात्र होते हैं. ये सम्मान के साथ सफलता पाते हैं. काम के प्रति मेहनत और जुनून व्यक्ति को अच्छा लीडर भी बनाता है.
व्यक्ति की सफलता और मान सम्मान उसके व्यवहार पर निर्भर करता है. इसके लिए मधुर वाणी का गुण बहुत जरूरी है. व्यक्ति के पास चाहे अपार धन क्यों न हो जिसके बोल कड़वे होंगे उसे कोई पसंद नहीं करेगा. वहीं पीठ पीछे दूसरी की बुराई करने वाले लोगों की असलीयत जल्द सामने आ जाती है. इसलिए जरूरी है अपना व्यवहार दूसरों के प्रति हमेशा विनम्र हो. सच के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति लंबे समय तक सर्वोच्च पद पर होता है.