पांच राज्यों के चुनावी नतीजों में कांग्रेस तेलंगाना में जीत की तरफ बढ़ रही है। राज्य के 66 सीटों में पार्टी ने बढ़त बना ली है। 2014 के बाद पहली बार तेलंगाना में बीआरएस की सरकार को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ रहा है। इस हार के साथ के चंद्रशेखर राव को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना होगा। उनकी जगह अब कांग्रेस के रेवंत रेड्डी राज्य के नए सीएम बन सकते हैं।
कांग्रेस की इस ऐतिहासिक जीत में चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू का अहम योगदान रहा। कनुगोलू को तेलंगाना में अपनी रणनीतियों को लागू करने के लिए खुली छूट दी गई थी। वहीं राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनावी रणनीतिकार को इसकी छूट नहीं थी। इन राज्यों में अशोक गहलोत और कमलनाथ जैसे नेता रणनीतिकारों के तरीकों से सहमत नहीं थे।
कौन है सुनील कनुगोलू
कर्नाटक के रहने वाले सुनील कनुगोलू देश के प्रसिद्ध चुनावी रणनीतिकारों में से एक हैं। उन्हें इस साल मई में कर्नाटक में कांग्रेस को जीताने का श्रेय भी दिया गया था। तेलंगाना में भी कांग्रेस के चुनावी अभियान की योजना बनाने वाले सुनील कनुगोलू ही हैं। उन्हीं की योजना के अनुसार कांग्रेस राज्य में भारी बहुमत से बढ़त बनाने में कामयाब रही।
दो साल पहले केसीआर ने हैदराबाद के अपने फॉर्महाउस में कनुगोलू को आमंत्रित किया था। केसीआर ने कनुगोलू को चुनावी रणनीति टीम में शामिल होने की पेशकश की थी, लेकिन कनुगोलू ने इसके लिए स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया था। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
भाजपा को जीता चुके हैं लोकसभा चुनाव
कनुगोलू को कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रत्यक्ष सलाहकार माना जाता है। उनके भारत जोड़ो योजना में भी कनुगोलू ने अहम भूमिका निभाई थी। कांग्रेस के साथ काम करने से पहले सुनील कनुगोलू अन्नाद्रमुक, भाजपा और द्रमुक के साथ भी काम कर चुके हैं। प्रशांत किशोर के चुनावी रणनीतिकार बनने से इनकार करने के बाद कांग्रेस सुनील कनुगोलू को अपने साथ लाई।
इससे पहले सुनील कनुगोलू में प्रशांत किशोर की टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा के लिए चुनावी रणनीति की योजना बनाई थी। इस रणनीति के जरिए ही भाजपा केंद्र की सत्ता में आई।