ऑस्ट्रेलिया. दुनिया में कई रहस्यमयी जनजाति पाई जाती हैं। इन जनजातियों को इनकी परंपराओं, रहन-सहन और खान-पान के लिए जाना जाता है। दुनिया में रहने वाली आदिवासी प्रजातियां अभी भी हजारों साल पुरानी परंपराओं का पालन करती हैं। ये जनजातियां जिन जंगलों में रहती हैं उन पर इनका पूरा अधिकार होता है। वहां की सरकारें भी इन प्रजातियों के अधिकारों में दखल नहीं देती हैं। इन जनजातियों में कुछ बेहद खतरनाक होती हैं। इन्हीं में से एक अस्मत जनजाति है जिसे खूंखार माना जाता है। आइए जानते हैं इस जनजाति के बारे में…

ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में स्थित न्यू गिनी में अस्मत जनजाति पाई जाती है। इन जनजाति के लोग दुश्मन को मारकर उसके मांस को पकाते हैं और खा जाते हैं। इसके अलावा मृतक की हड्डियों को गहनों की तरह इस्तेमाल करते हैं और उनके सिर को तकिए की जगह लगाते हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि कभी-कभी खोपड़ी तोड़कर बर्तन बना लेते हैं और उसको खाना खाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

इस जनजाति के लोग इतने खूंखार होते हैं कि दुश्मन को मारकर जब मांस पकाते हैं, तो उस दौरान उत्सव मनाते हैं। दुश्मनों के दिल में खौफ पैदा करने के लिए जनजाति के लोग ऐसा करते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खौफनाक जनजाति के लोग अपने आपको योद्धा मानते हैं। इस जनजाति के लोग दुश्मन को मारने के बाद उसके सिर के मांस का दावत देते हैं।

जनजाति के लोग ऐसा इसलिए करते है, क्योंकि अपनी वीरता और आदिवासियों के प्रति वफादारी का प्रदर्शन कर सकें। जनजाति के लोग दुश्मन के सिर को तंदूर में भूनकर खा जाते हैं। इसके अलाना वो कई अजीबोगरीब रीति-रिवाजों का भी पालन करते हैं।

न्यू गिनी में रहने वाले अस्मत जनजाति के लोग दुश्मन का मांस पकाते समय अनुष्ठान करते हैं। वह ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इंसान का सिर पवित्र होता है और उसकी तुलना फल से करते हैं। इसके साथ ही मृतक की हड्डियों को भविष्य के अनुष्ठानों में इस्तेमाल करते हैं। उत्सव के समय दुश्मन के सिर को बच्चों के पैर के बीच में रख देते हैं और इसके पीछे मान्यता है कि दुश्मन की शक्ति बच्चे में आ जाती है।

अस्मत जनजाति के लोग दुश्मन की हड्डियों को घर में रखना शुभ मानते हैं। इस जनजाति के ज्यादातर लोग नदियों के किनारे घर बनाकर रहते हैं। वह शिकार के लिए ऐसा करते हैं। वह दुश्मन की रीढ़ की हड्डी और निचले भाग को अपने साथ ट्रॉफी की तरह रखते हैं। दुश्मन के निचले जबड़े को घर में रखना शौर्य की निशानी मानते हैं।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि अस्मत जनजाति में किसी की मौत होती है, तो उसके शव के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है। मरने वाले शख्स का गला काट देते हैं और उसके मस्तिष्क व आंखों निकाल लेते हैं। वह मानते हैं कि इससे बुरी आत्माओं को रोका जा सकता है।