मेरठ। गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली आपूर्ति की व्यवस्था लडख़ड़ा गई है। शुक्रवार को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पविविनिलि) के अंतर्गत 14 जिलों के 483 फीडर क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बाधित हुई। इसमें से 88 ट्रांसफार्मरों में खराबी के कारण बत्ती गुल हुई है।

पविविनिलि के ऊर्जा भवन परिसर स्थित ओएमएस (आउटेज मैनेजमेंट सिस्टम) कंट्रोल रूम से यह स्थिति सामने आई है। निगम के अधिकारियों का दावा है कि ट्रांसफार्मर के व्यवधान निर्धारित अवधि में ठीक कर लिए जाएंगे। जबकि अन्य व्यवधान जैसे लाइन फाल्ट, सीटी, केबल बाक्स व जंफर उडऩा आदि को तेज गति से दूर कराकर आपूर्ति बहाल कराई जा रही है।

ओएमएस कंट्रोल रूम की टीम इन दिनों 24 घंटे बिजली आपूर्ति पर नजर रख रही है। यूपीपीसीएल (उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड) फीडर मानीटङ्क्षरग डेसबोर्ड की स्क्रीन पर गूगल मैप के जरिए बिजली आपूर्ति में व्यवधान स्थिति देखा जा रहा है। इससे 14 जिलों के 33केवी के 1352 उपकेंद्र और 11केवी के 4917 फीडर जुड़े हैं।

पश्चिमांचल के क्षेत्र में सबसे ज्यादा ट्रांसफार्मर खराब होने की शिकायत बुलंदशहर-हापुड़ जिलों से मिलीं। शुक्रवार को दोनों जिलों में 47 ट्रांसफार्मर खराब हुए। नोएडा के 10, मेरठ-बागपत के चार, गाजियाबाद का एक ट्रांसफार्मर खराब हुआ। मुरादाबाद जोन अंतर्गत मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, बिजनौर, रामपुर के 21 ट्रांसफार्मर, सहारनपुर जोन में सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर के पांच ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। लगभग 90 प्रतिशत ट्रांसफार्मर खराब होने के मामले ग्रामीण क्षेत्रों के हैं।

अगर कहीं पर ट्रांसफार्मर खराब होता है तो उसे निर्धारित समय सीमा में ठीक करना होता है। शहरी क्षेत्र में 12 घंटे, तहसील क्षेत्र में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 48 घंटे के भीतर ट्रांसफार्मर का व्यवधान दूर करने का समय निर्धारित है। ओएमएस कंट्रोल रूम की टीम संबंधित कर्मचारियों से फोन करके ट्रांसफार्मर व्यवधान दूर करने की जानकारी लेती रहती है।