चीन. आंतरिक रूप से एक साथ कई मोर्चों पर लड़ रहा है. दुनिया में सबसे अधिक वाला यह देश लगातार कमजोर जनसंख्या वृद्धि से जूझ रहा है. चीनी सरकार देश में वन चाइल्ड पालिसी में छूट दे चुकी है, लेकिन फिर भी यहां जवान लोगों की तुलना में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है. बर्थ रेट के गिरने से चीन में कई तरह की समस्याएं हो रही हैं और भविष्य में ये दिक्कत और बढ़ सकती है. इसी वजह से चीन परेशान है और इससे निकलने के लिए सरकार तरह-तरह की स्कीम भी ला रही है.
दरअसल आज से करीब 10-15 साल पहले चीन सरकार के सामने बढ़ती जनसंख्या बड़ी समस्या थी. सरकार ने इसे कंट्रोल करने के लिए सख्त कानून बनाया और देश में वन चाइल्ड पॉलिसी लागू कर दी. इसके लागू होने के बाद देश की जनसंख्या कुछ हद तक नियंत्रित तो हुई लेकिन भविष्य के लिहाज से इसने समस्या बढ़ा दी. दरअसल, इससे बच्चों का जन्म कम हुआ और देश में युवाओं की तुलना में बुजुर्ग बढ़ते जा रहे हैं. तेजी से गिरते बर्थ रेट से चिंतित चीन ने 2016 में देश की सख्त ‘एक बच्चा नीति’ में ढील दी थी, लेकिन फिर भी आंकड़ों में सुधार नहीं हुआ. इसके बाद चीनी सरकार एक खास ऑफर लेकर आई. इसके तहत पिछले साल सरकार ने देश के लोगों को 3 बच्चे तकक पैदा करने की अनुमति दी थी, लेकिन अब भी कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है.
जनसंख्या की इस समस्या को दूर करने के लिए पूर्वी शहर हांग्जो ने प्रशासन सोमवार को खास ऑफर लेकर आया. ऑफर की घोषणा करते हुए अफसरोंन ने बताया कि 3 बच्चों वाले पैरेंट्स अगर पहली बार आवास भविष्य निधि लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो उन्हें अधिकतम लिमिट से 20 प्रतिशत अधिक पैसा ले सकते हैं. चीनी मीडिया के मुताबिक, नानचांग और चांग्शा जैसे अन्य शहरों में भी इस तरह की कई स्कीम लोगों को लुभाने के ले दी जा रहीं हैं.
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने सोमवार को वर्ष 2021 और 2025 के बीच की अवधि का आकंड़ा रिलीज किया. आयोग ने बताया कि कुल जनसंख्या की वृद्धि दर बहुत स्लो हो गई है और पहली बार अब यह नकरात्मक होने के कगार पर है और अगले 5 साल में ऐसा हो जाएगा. NHC के मुताबिक, हाल के वर्षों में देश में कुल प्रजनन दर 1.3 से नीचे गिर गई है और 2035 तक देश की 60 प्रतिशत जनता 30 से अधिक उम्र की होगी.