वाशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का अंतिम दौर चल रहा है. नाटकीय घटनाक्रमों से भरे इस चुनाव को कई विश्लेषक दुनिया पर दूरगामी असर डालने वाला मान रहे हैं.
एक तरफ़ हैं डोनाल्ड ट्रंप, जो एक बार चुनाव जीत चुके हैं और एक बार हार चुके हैं, और अब रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं. दूसरी ओर, जब चुनावी रेस ज़ोर पकड़ रही थी, तो डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन उम्मीदवार थे. लेकिन स्वास्थ्य को लेकर उठते सवालों के बीच उन्होंने अपनी दावेदारी से हटने का फ़ैसला किया. अब डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से भारतीय मूल की कमला हैरिस चुनाव लड़ रही हैं.
भारत और अमेरिका के रिश्तों का इतिहास हाल के वर्षों में काफी सकारात्मक रहा है. चाहे डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल हो या वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन का, भारत के साथ संबंध लगातार मजबूत बने रहे हैं.
पूर्व राजनयिक स्कन्द तायल का मानना है कि अमेरिका में चाहे कोई भी राष्ट्रपति हो, भारत और अमेरिका के रिश्ते स्थिर रहेंगे. वो कहते हैं, ”अगर आप भारतीय प्रशासन की तरफ से देखें तो दो-तीन मुद्दे हैं जो भारत और अमेरिका के बीच में खास हैं. भारत में हम जैसे लोग जो सरकार के बाहर हैं, उनका ये मानना है कि अमेरिका की विदेश नीति इस समय रूस को बिल्कुल चीन की गोद में धकेल रही है और बहुत लोगों का मानना है कि शायद राष्ट्रपति ट्रंप इस पर दोबारा कोई विचार करेंगे.”
तायल के अनुसार, भारत मजबूत तरीके से रूस के पक्ष में है, जबकि मौजूदा अमेरिकी प्रशासन इस स्थिति को नहीं चाहता है. इसके अलावा, अमेरिका और भारत समेत दुनिया के सामने सबसे बड़ा चुनौती चीन से है. इस मोर्चे पर, ट्रंप और बाइडन दोनों की नीतियां चीन को लेकर सख्त और यथार्थवादी रही हैं.
लोगों का मानना है कि अगर कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं, तो बाइडन की वर्तमान विदेश नीति जारी रह सकती है.