प्रयागराज. प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड की साजिश में शामिल माफिया अतीक के बहनाेई मेरठ निवासी डॉक्टर अखलाक की गिरफ्तारी के बाद धीरे-धीरे परतें खुल रही हैं। अभी तक की जांच में पता चला है कि हत्याकांड से पहले और बाद में भी अखलाक और उसकी पत्नी आयशा नूरी ने अतीक के अलावा अन्य आरोपियों की भी पूरी मदद की।

शूटरों को पनाह देने के साथ ही आर्थिक मदद दिलाने में भी इनकी भूमिका रही है। फिलहाल पुलिस अखलाक सहित उसके परिवार के सभी सदस्यों के बैंक खातों की डिटेल खंगाल रही है।

सूत्राें के अनुसार इस हत्याकांड के बाद कई खातों से मोटी रकम निकाली गई है, जबकि इस अवधि के दौरान अखलाक या उसके परिवार में ऐसा कोई बड़ा काम नहीं हुआ, जिसके लिए मोटी रकम की जरूरत पड़ी हो। पुलिस को आशंका है कि यह रकम निकालकर किसी अन्य माध्यम से अतीक या उसके परिवार तक पहुंचाई गई है।

डॉ. अखलाक मेरठ में रहकर उनकी मदद कर रहा था, जबकि अखलाक की पत्नी आयशा नूरी बरेली या फिर प्रयागराज में रहकर मदद कर रही थी। उसे हत्याकांड के बारे में जानकारी थी, लेकिन सबकुछ जानते हुए भी उसने आरोपियों की मदद की और मेरठ में अपने घर शूटर गुड्डू मुस्लिम को भी शरण दी। पुलिस आयशा की काॅल डिटेल खंगाल रही है। इसके बाद उस पर शिकंजा कसा जा सकता है।

मेरठ से गिरफ्तार किए गए अतीक के बहनोई डॉ. अखलाक ने कई खुलासे किए हैं। पुलिस ने अखलाक के घर का सीसीटीवी फुटेज भी चेक किया। पांच लाख का इनामी गुड्डू मुस्लिम पांच मार्च को अखलाक के घर पहुंचा था। गुड्डू मुस्लिम जब घर पहुंचा तो घर की एक युवती उसे अंदर ले गई।

वह सोफे पर बैठ गया। इसके बाद अखलाक और अन्य लोगों को बुलाया गया। घर वालों ने गुड्डू के गले मिलकर उसका स्वागत किया। इसके बाद व घर में ही रहा। हालांकि इस दौरान उसकी नजरें टीवी पर उमेश पाल हत्याकांड की खबरों पर ही थीं।

डॉ. अखलाक से पूछताछ में पता चला है कि शूटर गुड्डू मुस्लिम को उसके घर दो-तीन दिन रुकना था, लेकिन वह करीब 17 घंटे रुकने के बाद चला गया। दरअसल, डाॅ. अखलाक के परिवार को शक हो गया था कि गुड्डू के बारे में आसपास के लोगों को पता चल गया है। कहीं, पुलिस छापेमारी न कर दें, इसलिए उसे यहां से जल्दी भेज दिया गया।