लखनऊ:  आम आदमी पार्टी यूपी की राजनीति में एंट्री पाने के लिए नया दांव चलने जा रही है। पार्टी के इस कदम से मायावती और चन्द्रशेखर को बेचैनी होनी निश्चित है।

आम आदमी पार्टी (आप) ने 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। एक तरफ पार्टी जहां प्रदेश भर में सदस्यता अभियान और जनता से जुड़े मुद्दों पर धरना-प्रदर्शन की शुरुआत की है। वहीं वह दलितों के बीच पैठ बनाने की तैयारी में भी लग गई है। पार्टी डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर पांच व छह दिसंबर को प्रदेश भर में आयोजन करेगी। पार्टी की ओर से इसकी व्यापक तैयारी की जा रही है।

आप बौद्ध प्रांत के अध्यक्ष इमरान लतीफ ने प्रेसवार्ता में बताया कि पांच दिसंबर को पार्टी बाबा साहब की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर राजधानी लखनऊ के सहकारिता भवन में सामाजिक न्याय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रदेश भर के अंबेडकरवादी जुटेंगे। वहीं छह दिसंबर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस को पार्टी संविधान रक्षा दिवस के रूप में मनाएगी। इस दिन पार्टी प्रदेश भर में सभी जिला कार्यालय पर संगोष्ठी करेगी।

इमरान लतीफ ने झांसी की घटना पर दुःख जताते हुए कहा कि यह न केवल प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि सरकार की लापरवाही को भी सामने लाती है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को एक करोड़ का मुआवज़ा देने और मामले की न्यायिक जांच की मांग की। वहीं प्रदेश में खाद-बीज के संकट का मुद्दा उठाते हुए इमरान ने कहा कि खाद की कमी से किसान परेशान है। भाजपा सरकार चुनाव में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि जल्द ही पार्टी इस मुद्दे पर प्रदेश के सभी जिलों में आंदोलन करेगी।