नोएडा। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एसटीएफ की टीम ने अब तक 396 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस भर्ती में पेपर ट्रांसपोर्ट करने वाली एजेंसी के कर्मचारियों शिवम गिरी, रोहित पांडेय और अभिषेक गुप्ता की मदद से पेपर लीक किया गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हो गया है। पुलिस टीम ने अब तक इस मामले में 396 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि मास्टर माइंड की तलाश जारी है। अभी भी पुलिस की टीम जगह जगह छापेमारी कर रही है। शुक्रवार को तीन मुख्य आरोपियों को एसटीएफ की टीम ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है।
यूपी डीजीपी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देते हुए कहा कि पेपर लीक मामले में अब तक 396 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस भर्ती में पेपर ट्रांसपोर्ट करने वाली एजेंसी के कर्मचारियों शिवम गिरी, रोहित पांडेय और अभिषेक गुप्ता की मदद से पेपर लीक किया गया। मामले के तीन प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि मास्टर माइंड की तलाश जारी है। गाजियाबाद से तीन आरोपी गिरफ्तार हैं। चौथे आरोपी से पूछताछ की जा रही है, जो पटना में डॉक्टर है। इस गैंग ने सीधे ट्रांसपोर्ट कंपनी से कॉन्टेक्ट किया, जिसके जरिए पेपर छपकर आने थे।
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के तीन मुख्य आरोपियों को एसटीएफ ने गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। साजिश रचने में शामिल प्रयागराज निवासी अभिषेक शुक्ला को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस और एसटीएफ की टीमें इन्हें तलाश कर रही थीं। अभिषेक शुक्ला प्रयागराज के सरायममरेज थाना क्षेत्र स्थित विक्रमपुर का रहने वाला है। मेजा के धर्मपुर शुकुलपुर निवासी राजीव नारायण मिश्र भी इस साजिश में शामिल था। अहमदाबाद में टीसीआई कंपनी के भीतर से पेपर को लीक कराया गया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड परीक्षा में एसटीएफ ने शुक्रवार को बड़ा खुलासा किया। दरअसल पेपर लीक करने में ट्रांसपोर्ट के तीन कर्मियों की भूमिका प्रकाश में आई। एसटीएफ ने तीन आरोपियों को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया। इस दौरान पुलिस को आरोपियों के पास दूसरी पाली का पेपर बरामद हुआ। वहीं आरोपियों के मोबाइल से पेपर लिखकर महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे। शुक्रवार को कंकरखेड़ा पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया।
एसटीएफ प्रभारी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि 18 फरवरी को यूपी पुलिस की परीक्षा थी। लेकिन परीक्षा से एक दिन पहले दूसरी पाली का पेपर लीक हो गया था। इसके बाद एसटीएफ आरोपियों की धरपकड़ में शुरू हो गई थी। पेपर लीक के मामले में पुलिस ने अब तक उत्तर प्रदेश से 54 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
एसटीएफ ने पेपर लीक करने वाले मुख्य तीन आरोपियों को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए तीनों आरोपी ट्रांसपोर्ट कंपनी में कर्मचारी थे। एसटीएफ तीनों आरोपियों को पकड़कर कंकरखेड़ा थाने ले आई थी। पुलिस पूछताछ में आरोपियों की पहचान अभिषेक शुक्ला पुत्र ब्रह्मदेव शुक्ला निवासी विक्रमपुर थाना ममरेज जिला प्रयागराज, शिवम गिरी पुत्र राम अचल गिरी निवासी मिर्जापुर व रोहित पांडे पुत्र विजय नाथ पांडे जिला भदोही के रूप में हुई है।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह ट्रांसपोर्ट कंपनी में ही काफी समय से नौकरी कर रहे थे। नौकरी के दौरान ही तीनों एक दूसरे के संपर्क में आए थे। इसके बाद आरोपियों ने पेपर लीक करने वाले गिरोह से संपर्क किया था। जहां उनका 15 लाख रुपए में पेपर लिख करने का सौदा तय हुआ था। जिसके बाद आरोपियों ने फोटो खींचकर पेपर लीक कर दिया था।
पुलिस को आरोपियों के पास से दूसरी पाली का पेपर बरामद हुआ। साथ ही पुलिस को आरोपियों के मोबाइल से पेपर लीक की जानकारियां मिली। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने अन्य कई जानकारियां दी।पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है। शुक्रवार को पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया।
पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ गोरखपुर और इटवा पुलिस की संयुक्त टीम ने बृहस्पतिवार को इटवा कस्बे के पास से आरोपी को पकड़ा। वह बिहार के रोहतास (सासाराम) जनपद का निवासी है। पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उसे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां से उसे जेल भेज दिया है।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने कई जानकारी दी है। इसके जरिए पुलिस कई और लोगों तक पहुंच सकती है। आरोपी से रुपये के लेनदेन के बारे में भी कई साक्ष्य मिले हैं। इसके पहले पुलिस पेपर लीक करने के मामले से जुड़े 10 आरोपियों को दबोच चुकी है। नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए लगातार पुलिस टीम मामले की छानबीन कर रही है।
उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती की परीक्षा को हुए भी 25 दिन बीत गए हैं, लेकिन इस परीक्षा के प्रश्न पत्र के लीक होने का खुलासा अब हो रहा है। इस पेपर को लीक करने वाले गिरोह का सरगना भी हरियाणा के जींद जिले का रहने वाला एवं दिल्ली पुलिस का सिपाही महेंद्र शर्मा बताया जा रहा है। जिसे यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार भी किया है।