लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार श्रीअन्न के फायदों के प्रति एक तरफ जहां आमजन को प्रेरित करने में जुटी है। वहीं किसानों को भी खेती के फायदे से जोड़कर उन्हें आर्थिक रुप से मजबूत बनाने की दिशा में उचित मूल्यों पर फसले खरीद रही है। इसी दिशा में यूपी में वर्ष 2024-25 के लिए मोटे अनाजों की खरीद पहली अक्टूबर से प्रारंभ होगी, जो 31 दिसंबर तक चलेगी।
योगी सरकार ने श्रीअन्न को बढ़ावा देने के साथ ही सरकार ने इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बढ़ाया है। मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2225 रुपये प्रति कुंतल, बाजरा का 2625 रुपये प्रति कुंतल, ज्वार (हाइब्रिड) का 3371 व ज्वार (मालवांडी) का 3421 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है। एक अक्टूबर से प्रदेश के बदायूं, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर-देहात, कन्नौज, इटावा, बहराइच, बलिया, फर्रुखाबाद, मीरजापुर, सोनभद्र व ललितपुर में मक्का की खरीद की जाएगी। जबकि जवार की खरीद बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, कानपुर नगर-देहात, फतेहपुर, उन्नाव, हरदोई, मीरजापुर व जालौन में की जाएगी।
इसके अलावा एक अक्टूबर से मोटे अनाजों में शामिल बाजारा की खरीद बदायूं, बुलंदशहर, बरेली, शाहजहांपुर, रामपुर, संभल, अमरोहा, अलीगढ़, कासगंज, एटा, हाथरस, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर-देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, बलिया, मीरजापुर, जालौन, चित्रकूट, प्रयागराज, कौशांबी, जौनपुर, फतेहपुर में की जाएगी।
उत्तर प्रदेश खाद्य व रसद विभाग के अनुसार प्रदेश में ‘मोटे अनाज’ में शामिल मक्का, बाजरा व ज्वार की खरीद के लिए किसानों का पंजीकरण व नवीनीकरण चल रहा है। इसके लिए किसानों को fcs.up.gov.in या ऐप यूपी किसान मित्र पर पंजीकरण/नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। खरीद पंजीकृत किसानों से ही की जाएगी। किसान अपनी किसी भी समस्या के लिए पूर्व में जारी टोल फ्री नंबर 18001800150 से मदद ले सकते हैं।
इसके अलावा वे जिला खाद्य विपणन अधिकारी, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, विपणन निरीक्षक से भी संपर्क साध सकते हैं। किसानों को जिस बैंक खाते में भुगतान होगा, उसका आधार से जुड़ा होना आवश्यक है। भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में किया जाएगा। वहीं बिचौलियों को रोकने व पारदर्शिता बरतते हुए क्रय केंद्रों पर मोटे अनाज की खरीद ई-पॉप (इलेक्ट्रॉनिक प्वॉइंट ऑफ परचेज) डिवाइस के माध्यम से पहले की भांति किसानों का बायोमीट्रिक सत्यापन के जरिए ही होगी।