दिलीप कुमार हिंदी सिनेमा की दुनिया के सबसे प्रभावी कलाकारों में से एक रहे हैं. उन्होंने सिनेमा में अभनिय के मायने बदलकर रख दिए थे. यही वजह थी कि उन्हें लोग बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग के नाम से जानने लगे. वह अपने दौर के पहले ऐसे अभिनेता थे, जिनकी अदाकारी में एक ठहराव था और एक गहनता थी।

बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग के अलावा उन्हें सिनेमा के पहले मेथड एक्टर के तौर पर भी जाना जाता है. दिलीप कुमार इस कला में बहुत निपुण रहे. अगर यूं कहा जाए कि दिलीप कुमार की सारी फिल्मों को देख लिया जाए, तो जो एक्टर बनने की तमन्ना रखते हैं, उन्हें किसी संस्थान में एडमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी।

फिल्मों में आना तो दिलीप कुमार साहब का संजोग से हुआ. वह अपने एक दोस्त के साथ अगर बॉम्बे टॉकीज में कदम न रखते, तो शायद उस दौर की सुपरस्टार देविका रानी की नजर उनपर कभी न पड़ती. दिलीप कुमार को फिल्मों में लाने का श्रेय अगर किसी को जाता है, तो वह देविका रानी ही थीं।

यूं तो हम सभी जानते हैं कि दिलीप साहब का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान है. फिल्मों में आने के बाद उन्होंने अपना नाम दिलीप कुमार रखा. हालांकि, दिलीप कुमार नाम रखने के पीछे एक मजेदार किस्सा शामिल है. यह किस्सा दिलीप कुमार के एक डर से जुड़ा हुआ है, जिसे सुनकर उनके वो फैंस आज भी मुस्कुरा जाते हैं, जो कि उनके बारे में अच्छे से पढ़ चुके हैं. इस किस्से को जानने से पहले उस यादगार पल की बात करते हैं, जब युसूफ खान को नाम मिला दिलीप कुमार। देविका रानी ने 1944 में आई फिल्म ‘ज्वार भाटा’ के जरिए युसूफ खान को दिलीप कुमार के नाम से बॉलीवुड के सामने पेश किया. दिलीप कुमार ने अपने नाम बदलने वाले किस्से को अपनी ऑटोबायोग्राफी में बहुत ही खुलकर लिखा है.

दिलीप कुमार साहब ने अपने नाम बदलने के किस्से को साझा करते हुए लिखा- देविका ने मुझसे कहा- यूसुफ, मैं तुम्हे एक अभिनेता के तौर पर लॉन्च करने के बारे में सोच रही हूं और मुझे लगता है कि अगर तुम अपना स्क्रीन नेम बदल लो तो यह कोई बेकार आइडिया नहीं है. एक ऐसा नाम जिससे आप जाने जाएंगे और जो आपके दर्शकों के लिए बहुत उपयुक्त होगा. एक ऐसा नाम जो कि स्क्रीन पर दिखने वाली आपकी रोमांटिक छवि के अनुरूप होगा. मुझे लगता है कि दिलीप कुमार एक अच्छा नाम है. यह मेरे दिमाग में तब आया जब मैं आपके लिए उपयुक्त नाम के बारे में सोच रही थी. यह आपको कैसा लगता है?

दिलीप कुमार को यह नाम अच्छा लगा और उन्होंने इससे अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर डाली. यह तो बात हो गई कि दिलीप कुमार का नाम किसने बदला. अब उस किस्से को साझा करते हैं, जब दिलीप कुमार को एक डर के कारण अपना नाम बदलना पड़ा. और यह डर था- पिटाई. जी हां. दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान दिलीप कुमार ने खुलासा किया था कि उन्होंने पिटाई के डर से अपना नाम बदला था।

उन्होंने कहा- मेरे वालिद फिल्मों के सख्त खिलाफ थे. उनके एक बहुत अच्छे दोस्त थे, जिनका नाम था- लाला बंसी शरनाथ. इनके बटे पृथ्वीराज कपूर फिल्मों में एक्टिंग किया करते थे. मेरे पिता जी अक्सर उनसे शिकायत किया करते थे कि ये तुमने क्या कर रखा है. तुम्हारा नौजवान और इतना सेहतमंद लड़का देखो क्या काम करता है. दिलीप कुमार ने आगे बताया- मैं जब फिल्मों में आया तो मुझे बहुत खौफ हुआ कि जब उन्हें मालूम होगा, तो वह बहुत नाराज होंगे.उस समय सामने तीन रखे गए. युसूफ खान, दिलीप कुमार और बासुदेव. तो मैंने कहा कि युसूफ खान मत रखिए, बाकी जो आपके दिल में आए वो नाम रख दीजिए. इसके दो-तीन महीने बाद जब एक अखबार में मैंने एक इश्तिहार देखा, तब मुझे मालूम हुआ कि मेरा नाम दिलीप कुमार रखा गया है।