नई दिल्ली : हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भाजपा को 24 घंटे राजनीति करने वाली पार्टी बताया तो कांग्रेस को सड़क पर और संघर्ष करने की सलाह दी है। ‘लाइव हिन्दुस्तान’ से खास बातचीत में मलिक ने जहां एक तरफ जम्मू-कश्मीर के नतीजों को उम्मीद के मुताबिक बताया तो हरियाणा के परिणाम पर वह भी हैरानी जाहिर कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी खामियों की वजह से हारी है। एक बड़ी वजह भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच चली खींचतान है।
सत्यपाल मलिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नतीजे उम्मीद के मुताबिक ही है, लेकिन हरियाणा का परिणाम समझ से परे है। कांग्रेस की हार और भाजपा की जीत को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कांग्रेस की कई कमियां बताईं। एक सवाल के जवाब में मलिक ने कहा, ‘भाजपा में तो 50 आनुषांगिक संगठन हैं। 24 घंटे भाजपा के लोग राजनीति करते हैं। कांग्रेस के लोग राजनीति नहीं करते, संघर्ष नहीं करते, सड़कों पर नहीं रहते और कहीं वे दिखते नहीं हैं लड़ते हुए। उनको संघर्ष करना चाहिए।’
हरियाणा में जहां कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की जा रही थी वहां भाजपा कैसे जीत गई, इसकी मुख्य वजहें क्या हैं? इस पर मलिक ने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा है, इसका बड़ा कारण है, कांग्रेस का आलस्य, कांग्रेस का मेहनत ना करना, काम ना करना, आपस में झगड़ा रखना और बंटी हुई पार्टी के तौर पर चुनाव में जाना। भाजपा की मजबूती है कि उसके बहुत से अनुषांगिक संगठन है, भाजपा 24 घंटे राजनीति करती है।’ सत्यपाल मलिक ने कहा कि एक हद तक भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच खींचतान भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि यदि एकजुट होकर लड़ते तो नतीजा कुछ और हो सकता था।
क्या दलित नेता शैलजा को आगे लाने से कांग्रेस को फायदा हो सकता था? इसके जवाब में मलिक ने कहा, ‘शैलजा को लाने से भी कुछ नहीं होता। होना यह चाहिए था कि हुड्डा और शैलजा का समझौता कराके एकजुट होकर चुनाव में जाना चाहिए था। आखिरी दिन तक लगता रहा कि दो पार्टियां हैं।’ सत्यपाल मलिक ने इस बात से इनकार किया कि हरियाणा में ‘जाट बनाम गैर-जाट होने से ऐसा नतीजा आया। उन्होंने कहा,’ हरियाणा में जाट गैर जाट बिल्कुल नहीं था। इतना जरूर है कि शैलजा की वजह से दलित वोट कांग्रेस को नहीं मिले और पिछड़ा सीएम होने की वजह से पिछड़ों के वोट भाजपा को मिले।’