लेकिन ये जीत अब उनके लिए मुसीबत बन गई है. 32 साल के अनूप को लगा कि लॉटरी जीतते ही ज़िंदगी बदल जाएगी. लेकिन उनकी ज़िंदगी में फ़िलहाल जो बदलाव आया है, उसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी.

लॉटरी जीतते ही अनूप रातोंरात मशहूर हो गए. अब घर से निकलते ही उन्हें हर कोई पहचान जाता है. लेकिन सबसे ज़्यादा दिक़्क़त पैसे मांगने वालों से है. हर कोई उनसे पैसे की उम्मीद कर रहा है. इस वजह से उनके कई दोस्त और रिश्तेदार भी उनसे नाराज़ हैं.

ऑटो चलाने के बाद अब शेफ़ का काम करने वाले अनूप कहते हैं, ”मेरे कई क़रीबी लोगों ने हमसे बातचीत करना बंद कर दिया है.”

उन्होंने बताया, ”मैं एक दुकान में बेटे के लिए बैग लेने गया था. बैग ख़रीदने के बाद मैंने पैसे दिए और बचे पैसे लौटाए जाने का इंतज़ार करने लगा. लेकिन दुकानदार पैसे देने के लिए तैयार नहीं था. उसे लग रहा था कि अब मुझे पैसों की क्या ज़रूरत है.”

ढाई करोड़ रुपये की लॉटरी जीतते ही अनूप राष्ट्रीय मीडिया में छा गए. लेकिन इसके साथ ही उनकी
मुसीबत शुरू हो गई. उनके पास हर रोज़ पैसे मांगने वालों की भीड़ लगने लगी. परेशान होकर उन्होंने एक वीडियो जारी किया.

वायरल वीडियो में अनूप ये कहते हुए देखे जा रहे हैं कि ‘उन्हें और उनके परिवार को पैसों के लिए परेशान न किया जाए. इसके साथ ही वो ये भी कह रहे हैं कि काश उन्होंने ये लॉटरी ना जीती होती.’

बीबीसी ने जब इस बारे में बात करने की कोशिश की तो वो बड़ी मुश्किल से राज़ी हुए. उन्होंने कहा कि उनकी तस्वीर न छापी जाए क्योंकि हर प्रकाशित लेख के साथ उनकी मुसीबत बढ़ जाती है.

लॉटरी जीतने के बाद अनूप की पत्नी माया ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा था कि पैसे मिलने पर वे लोग ज़रूरतमंदों की मदद करेंगे.

लोगों ने उनकी बात पकड़ ली और फिर उनके पास तरह-तरह के लोग पैसे मांगने आने लगे. कुछ लोग अपना होम लोन चुकाने के लिए पैसे मांगने लगे तो कोई अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे मांगने लगा.

माया कहती हैं, ”असल ज़रूरतमंदों के अलावा भी ढेर सारे लोग आ जाते हैं. बैंकों और इंश्योरेंस कंपनियों के एजेंट आने लगते हैं. चेन्नई से आकर कुछ लोग तो हमसे फ़िल्म की फ़ंडिंग में मदद करने को कहने लगे.”

माया बताती हैं, ”एक बार एक शख़्स आकर हमारे घर में दिन भर बैठा रहा. उस शख़्स की मांग थी कि उसके लिए एक रॉयल एनफ़ील्ड मोटर साइकिल ख़रीदी जाए.”

अनूप कहते हैं, ”हर कोई सोचता है कि मुझे ये पैसा फ़्री में मिला है. वो मुझसे कहते हैं इसके लिए मुझे कुछ नहीं करना पड़ा है, लिहाज़ा इसे दूसरों को देने में क्या दिक़्क़त है.”

कुछ अफ़वाहों ने इस दंपति का चैन छीन लिया है. अनूप कहते हैं, ”कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया था कि मैंने कोई लॉटरी नहीं जीती है. मैं झूठ बोल रहा हूं.”

तमाम अख़बारों, न्यूज़ चैनलों और वेबसाइटों में नाम और तस्वीर छपने से अनूप का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. बाहर निकलते ही लोग उन्हें पहचान लेते हैं और फिर पैसे मांगने वालों की भीड़ लगने लगती है.

सिर्फ़ अनूप का अनुभव ही ऐसा नहीं है. अनूप की मुलाक़ात एक स्थानीय टीवी चैनल के गेम शो में 59 वर्षीय जयपालन से हुई थी.

जयपालन ने एक करोड़ 20 लाख रुपये की लॉटरी जीती थी और उनका भी नाम इसी तरह मीडिया में छा गया था. उन्होंने अनूप को बताया कि उनके पास भी पैसे मांगने के लिए लोग आने लगे थे.

अभी भी ऑटो चलाने का काम कर रहे जयपालन कहते हैं कि पैसा न मिलने पर उनसे कई लोग नाराज़ हैं.

जयपालन को जब धमकी भरी चिट्ठियां मिलने लगीं तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और घर के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगवाए.जयपालन ने अनूप को सलाह दी कि अपने पैसों के मामले में वह सजग रहें.

अनूप कहते हैं, ”लोग सोचते हैं कि लॉटरी जीतने से मेरी सारी परेशानियां ख़त्म हो गई हैं. लेकिन अभी भी सारी चीज़ें तय नहीं हैं. मुझे पता नहीं है कि टैक्स वगैरह कट कर मुझे कितने पैसे मिलेंगे.”

राज्य सरकार 30 फ़ीसदी टैक्स काट कर बाकी पैसे अनूप को देगी. इसके बाद लॉटरी एजेंट का कमीशन कटेगा. लॉटरी जीतने वालों को केंद्र सरकार को सरचार्ज और सेस भी देना होगा.

अनूप की लॉटरी जीतने की ख़बर फैलने के बाद राज्य सरकार ने उनके लिए एक दिन का फ़ाइनेंशियल मैनेजमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया ताकि वह अपने पैसे का सही तरीके से इस्तेमाल कर सकें.

वो कहते हैं, ”इसमें कोई शक़ नहीं है कि ये पैसा भगवान का आशीर्वाद है. लेकिन इस पैसे का कुछ करने या लोगों की मदद करने से पहले मुझे ये सुनिश्चित करना होगा कि मेरे परिवार की ज़रूरतें पूरी हों और उसका भविष्य सुरक्षित रहे.”