गाजियाबाद। साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड के प्राथमिकता खंड में एनसीआरटीसी को दूसरी बड़ी सफलता मिली है। शुक्रवार को पहले खंड में गुलधर स्टेशन का प्लेटफार्म स्तर तक का काम पूरा हो गया। गुलधर स्टेशन दिल्ली-मेरठ हाईवे के व्यस्ततम मार्ग पर स्थित है। ऐसे में यह स्टेशन एलिवेटेड होगा। यहां यात्रियों को सर्विस रोड से प्रवेश और निकास की दो-दो सुविधा मिलेगी। गुलधर स्टेशन के दो माह में तैयार होने की प्रबल संभावनाएं हैं। एनसीआरटीसी ने स्टेशन का वास्तविक ले-आउट भी जारी किया है।
दो एस्केलेटर, तीन सीढ़ियां व एक लिफ्ट होगी:
गुलधर स्टेशन के सभी पिलर्स का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। स्टेशन का पूरा ढांचा 14 केंद्रीय पिलर पर टिका हुआ है। स्टेशन में प्लेटफार्म के साथ पहले लेवल पर सुरक्षा जांच, टिकट सहित आदि सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। स्टेशन का प्लेटफार्म जमीन से 16 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। प्लेटफार्म तक पहुंचने केलिए दो एस्केलेटर, तीन सीढ़ियां और एक लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध होगी। स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्लेटफार्म पर ऑटोमेटिक प्लेटफार्म स्क्रीन डोर उपलब्ध होंगे।
ट्रैक बिछाने और छत के ढांचे का निर्माण का काम शुरू:
प्लेटफार्म स्तर तक का काम पूरा होने के बाद अब एनसीआरटीसी की ओर से ट्रैक बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। साथ ही स्टेशन की छत के ढांचे के निर्माण का काम जल्द शुरू होगा। जिससे स्टेशन अपने मूल स्वरूप में दिखना शुरू हो जाएगा। स्टेशन का डिजाइन को भविष्य में मुख्य मार्ग को और चौड़ा करने की आवश्यकता को देखने हुए तैयार किया गया है। स्टेशन के नीचे से वाहनों की आवाजाही रहेगी।
राजनगर एक्सटेंशन सहित बड़ी आबादी को मिलेगी राहत:
रैपिड के प्रथम खंड में गुलधर स्टेशन भी काफी महत्वपूर्ण है। इस स्टेशन का राजनगर एक्सटेंशन की 40 से अधिक सोसायटियों के लोग आने जाने केलिए इस्तेमाल करेंगे। इसके अलावा पास में ही स्थित राजनगर, संजयनगर, नीतिनगर, गुलधर औद्योगिक क्षेत्र और आसपास स्थित तमाम इंजीनियरिंग कॉलेज के लोग इसका इस्तेमाल करेंगे।
लिफ़्ट में स्ट्रेचर ले जाने की क्षमता, 24 घंटे होगी सीसीटीवी निगरानी:
रैपिड के गुलधर सहित अन्य स्टेशनों की लिफ्ट का आकार बड़ा होगा। चिकित्सा की आपात स्थिति में लिफ्ट में स्ट्रेचर ले जाने की क्षमता हेागी। सुरक्षा के लिए सभी स्टेशन पर 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी रहेगी। हरित ऊर्जा के तहत स्टेशन की छत पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित किए जाएंगे। — पुनीत वत्स, सीपीआरओ, एनसीआरटीसी