नई दिल्ली. कांग्रेस समेत 13 अन्य दल संसद के शीतकालीन सत्र (winter session of Parliament) का बहिष्कार करने पर फैसला कर सकते हैं. विपक्षी दल दोनों सदनों में बिना बहस के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और राज्यसभा में 12 सांसदों को सोमवार को निलंबित करने के मुद्दे पर यह फैसला कर सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शीतकालीन सत्र का बहिष्कार के मुद्दे पर मंगलवार सुबह विपक्षी दलों की बैठक में फैसला हो सकता है. विपक्षी दल संसद में प्रदर्शन करने और कार्यवाही को बाधित करने का भी मन बना रहे हैं. हालांकि इन सब पर आखिरी फैसला आज ही होगा.
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार तृणमूल कांग्रेस (TMC) कांग्रेस के नेतृत्व वाली बैठक में शामिल नहीं होगी. पार्टी के राज्यसभा नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पार्टी ने अपने अगला कदम तय करने के लिए एक अलग बैठक बुलाई. शेष सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित किए गए 12 सांसदों में टीएमसी के दो सांसद भी शामिल हैं.
अखबार की रिपोर्ट के अनुसार दो विपक्षी रणनीतिकारों ने बताया कि सत्र का बहिष्कार करना एक विकल्प है लेकिन पार्टियों को इस पर सहमत होना होगा. यह योजना इस बात पर भी निर्भर करेगी कि कृषि विधेयक पर बहस करने में असफल रहने के बाद विपक्षी दलों को संसद में फसल समर्थन की गारंटी के लिए कानून की मांग करने का मौका मिलता है या नहीं.
क्या है कांग्रेस की रणनीति?
कांग्रेस के एक रणनीतिकार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘अगर हमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) कानून और संबंधित मुद्दों को उठाने का कोई अवसर नहीं मिलता है, तो हमारे पास बहिष्कार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा.’ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के एलाराम करीम ने कहा, ‘भविष्य की दिशा तय करने के लिए हम कल मिलेंगे. हमें सत्र का बहिष्कार करने के सुझाव मिले हैं, लेकिन हमें किसी भी सामूहिक निर्णय पर पहुंचने से पहले संबंधित पार्टियों से बात करनी होगी.’
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे अगले कदम पर चर्चा के लिए मंगलवार सुबह अन्य विपक्षी दलों से मुलाकात करेंगे. आम आदमी पार्टी (आप) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सहित 14 राजनीतिक दलों के एक संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘राज्य सभा के विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर्स कल बैठक करेंगे, ताकि संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए सत्तावादी निर्णय के विरोध में भविष्य की कार्रवाई पर विचार किया जा सके.’
वहीं पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी ने कांग्रेस से बैठक करेगी. पार्टी सोमवार की विपक्षी बैठक में भी नहीं आई थी. टीएमसी नेताओं ने अपनी पार्टी के सांसदों के निलंबन पर दुख जताया है. उन्होंने कार्रवाई को असंवैधानिक करार दिया और कहा कि आरोपियों को निलंबित करने से पहले उनकी बात नहीं सुनी गई. टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘मंगलवार की सुबह हमारी बैठक होगी और संसदीय प्रक्रिया के भीतर हम आगे का फैसला लेंगे.’