भीषण गर्मी और लू के कहर के बीच बलिया के जिला अस्पताल में मौतों का सिलसिला जारी है। पिछले 24 में हीट स्ट्रोक से 31 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में 50 वर्ष से अधिक उम्र वालों की संख्या ज्यादा है। मामले को शासन ने गंभीरता से लिया है। शनिवार को जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. दिवाकर सिंह को हटा दिया गया। लखनऊ की एक टीम बलिया के लिए रवाना हो गई है।

मौसम की मार से पूरे जिले में कोहराम मचा है। प्रचंड गर्मी और लू के बीच बलिया जिला अस्पताल के आंकड़े भयावह हैं। आकंड़ों के मुताबिक, बीते सात दिन में ही हीट स्ट्रोक से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इन मौतों ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। बलिया जिले में पिछले तीन-चार दिन से 43-44 डिग्री सेल्सियस के ऊपर तापमान चल रहा है।

डायरिया और लू के मरीजों से सरकारी व निजी अस्पताल के बेड फुल हो गए हैं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाले अधिकतर मरीजों की मौत हो जा रही है। शुक्रवार सुबह से खबर लिखे जाने तक 31 मरीजों की मौत हुई है। इससे पहले बीते गुरुवार को मौतों का आंकड़ा भी 31 तक पहुंचा था।

अचानक मौत के आंकड़ों में इजाफा होने से अस्पताल प्रशासन में खलबली मची है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी और वार्डों में भर्ती मरीजों की अचानक मौत की संख्या में इजाफा होने के कारण नि:शुल्क शव वाहन तक नहीं मिल पा रहे हैं। लोगों को निजी वाहनों से शव लेकर जाना पड़ रहा है। जिला अस्पताल के कर्मचारियों के अनुसार, कोरोना संक्रमण के दौरान भी एक दिन में इतनी मौतें नहीं हुई थीं।

गंगा घाटों पर पूरी रात चिता की आग शांत नहीं हो रही है। इधर, जिला अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष, इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य वार्डों में कूलर और एसी लगवाए गए हैं। डॉक्टरों, पैरा मेडिकल की टीम तैनात है। मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके बाद मरीजों को कुछ राहत मिल रही है। चिकित्सक लोगों को हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय बता रहे हैं।