मेरठ। 18 जनवरी तक लगभग 10 महीनों में 4457 बोगस फर्में केवल मेरठ जोन में पकड़ी गईं। इसमें सत्यापन के बाद एसजीएसटी ने 1490 फर्मों का पंजीकरण निरस्त किया। जबकि सीजीएसटी द्वारा मात्र 186 फर्मों का ही रजिस्ट्रेशन निरस्त किया गया। वहीं, बोगस फर्मों की जांच के लिए चलाए गए विशेष अभियान में एसजीएसटी को आवंटित 634 फर्में और सीजीएसटी को आवंटित 2147 फर्में निलंबित की गईं। जीएसटी पंजीकरण के लिए जो भी आवेदन आते हैं उन्हें कंप्यूटर स्वत: ही कुछ सेंट्रल जीएसटी और कुछ स्टेट जीएसटी को पंजीकरण के लिए आवंटित कर देता है। जो फर्म एसजीएसटी को आवंटित होती हैं, उनका सत्यापन एक महीने के अंदर हो जाता है। सत्यापन के दौरान अगर कोई खामी पाई जाती है तो पंजीकरण निरस्त कर दिया जाता है।
जो फर्म सीजीएसटी को आवंटित होती हैं, उसमें से अधिकतर का सत्यापन मानव संसाधन की कमी की वजह से पूरा नहीं हो पाता। ऐसे में फर्जी पतों पर दर्ज फर्में धड़ल्ले से चलती रहती हैं और सरकार को चूना लगाकर मोटा मुनाफा कमा लेती हैं। ऐसी फर्मों को पकड़ने के लिए पिछले दिनों दो माह का विशेष अभियान भी चलाया गया, जिसमें बड़े पैमाने पर फर्जी फर्में पकड़ी गईं, जिनका पंजीकरण निरस्त व निलंबित किया गया। फर्जी पतों पर रजिस्टर की गई फर्में व्यापारियों से मुनाफा लेकर उन्हें बिल जारी कर रही हैं। इसका खुलासा बीते दिनों विभिन्न फर्मों की पड़ताल के दौरान हुआ।