मेरठ। रोहिंग्या के पासपोर्ट जारी होने की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इसी बीच यूपी के बड़े चरस तस्कर हाजी तस्लीम का पासपोर्ट जारी होने का मामला पकड़ में आ गया। पासपोर्ट की जांच करने वाले पुलिसकर्मियों पर बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। एसएसपी ने इसकी जांच एएसपी कैंट चंद्रकांत मीणा को दी गई है। अभी तक पड़ताल में सामने आया कि पुलिस से बचने के लिए तस्लीम पासपोर्ट के जरिए दुबई भागने की फिराक में था।
दिल्ली-एनसीआर में बड़ी सप्लाई
पुलिस अब पत्नी और बेटे के पासपोर्ट होने की भी जानकारी जुटा रही है। रेलवे रोड थाने के पूर्वा हाफिज अब्दुल करीम मछेरान मोहल्ले में रहने वाला हाजी तस्लीम चरस का बड़ा सौदागर है। यूपी समेत दिल्ली-एनसीआर में उसकी सबसे बड़ी सप्लाई थी। तस्लीम पर प्रदेश के विभिन्न थानों में करीब 50 मुकदमे दर्ज है। तस्लीम की पत्नी नशीन भी रियल लाइफ में उसकी पार्टनर होने के साथ ही नशे के धंधे में भी उसकी मददगार है। साथ ही बेटे ने भी चरस् का धंधा संभाल लिया था। 2003 डीजी मुकुल गोयल ने कप्तान रहते हुए पहली बार तस्लीम को जेल भेजा था। उसके बाद दूसरी बार 2016 में तस्लीम जेल गया था।
घर की हो चुकी है कुर्की
उस समय तस्लीम के घर की महिलाओं ने पुलिस पर हमला कर दिया था। हाल में भी तस्लीम पर पांच हजार का इनाम घोषित किया गया था। उसके घर की कुर्की के बाद तस्लीम को पुलिस ने गिरफतार कर जेल भेज दिया है। उसकी करीब दो करोड़ कीमत के दो मकान भी जब्त किए जा चुके है। उसके बाद भी तस्लीम का पासपोर्ट जारी हो गया। हालांकि यह पासपोर्ट 2010 में बनाया गया था। उस समय भी तस्लीम की अपराधिक हिस्ट्री थी। उसके बाद 2019 में भी तस्लीम के पासपोर्ट का रिन्यूअल कराया गया था। तब भी रेलवे रोड थाने से जांच की गई थी। तस्लीम के लिए 25 गुर्गे काम करते हैं, जो नशीले पदार्थ की सप्लाई उसके बताए स्थानों पर करते हैं।
कौन-कौन पुलिसकर्मी उस समय मौजूद थे
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने पासपोर्ट बनने और रिन्यूअल के समय रिपोर्ट लगाने वाले पुलिसकर्मियों की जांच बैठा दी है। जांच अधिकारी एएसपी चंद्रकांत मीणा को बनाया गया है। सवाल है कि आंखमूंद कर किस आधार पर तस्लीम के पासपोर्ट पर रिपोर्ट लगाई गई है। माना यह भी जा रहा है कि तस्लीम एक बार विदेश की यात्रा भी कर चुका है। हाल में भी फरारी के दौरान दुबई भागने की फिराक में था।
इनका कहना है
2010 में चरस तस्कर तस्लीम का भी पासपोर्ट जारी हो चुका है। उसके नौ साल बाद रिन्यूअल भी करा दिया। उस समय किस पुलिसकर्मी ने जांच रिपोर्ट लगाई थी। उसकी जांच बैठा दी है। रिपोर्ट आने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।