बिजनौर। जनपद जिले का वृक्ष प्रदेश की विरासत डायरी में स्थान शामिल होने से वन विभाग भी उत्साहित है। चांदपुर रेंज में ग्राम धीमरपुरा में खड़े 500 वर्ष पुराने वटवृक्ष को प्रदेश की विरासत डायरी में स्थान मिला है। इस डायरी में यूं तो प्रदेश के 115 विरासत वृक्षों को जगह दी गई है, वर्तमान में करीब पांच बीघा जमीन में इस वृक्ष की जड़ें, शाखाएं फैली हुई है।
पिछले काफी समय से विरासत वृक्षों की तलाश की जा रही थी। बिजनौर में चांदपुर क्षेत्र के ग्राम धीमरपुरा में वटवृक्ष खड़ा है। इसकी शाखाएं वर्तमान में भी करीब पांच बीघा जमीन में फैली हुई है। लोग इसे देखने भी पहुंचते हैं।
माना जाता है दो दशक पहले तक यह वृक्ष 10 बीघा से ज्यादा जमीन में फैला हुआ था। समय के साथ-साथ यह सिमटता गया और कुछ लोगों ने वहां खेती भी शुरू कर दी। आज भी इस वृक्ष की शाखाएं दूर-दूर तक फैली हैं और जमीन से मिलकर खुद भी वृक्ष बन चुकी हैंं।
यह वृक्ष चांदपुर क्षेत्र के ग्राम धीमरपुरा में भूरे शाह पीर की मजार के पीछे है। मान्यता यहां तक है कि मजार पर झाड़ू चढ़ाने से मस्से की बीमारी ठीक हो जाती है। पुरानी मजार से जुड़े होने, पीरबाबा के नाम से विख्यात एवं मन्नत पूरी होने की मान्यता के चलते श्रद्धालु विशेषकर गुरुवार और शनिवार को वृक्ष पर पूजा करने के साथ ही मन्नत मांगते हैं। इतना ही नहीं लोग मन्नत पूरी होने के बाद इसी वृक्ष के नीचे भंडारा कराते हैं। वन विभाग इस वृक्ष की आयु 500 साल मानते हैंजिबकि क्षेत्र के लोगों का मानना है कि यह एक हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। वृक्ष के संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में अभी और भी ऐसे वृक्ष हैं, जो 200 साल से ज्यादा पुराने हैं। उन्हें भी विरासत वृक्ष डायरी में जगह दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।