नई दिल्ली। देश में जल्द 5G नेटवर्क उपलब्ध होने की संभावना है। टेलीकॉम कंपनियों जैसे भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया ने 5G नेटवर्क को भारत में रोलाउट करने की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर कौन से स्मार्टफोन में 5G नेटवर्क चलेगा। इसकी कैसे जानकारी हासिल की जा सकती है? दरअसल मोबाइल निर्माता कंपनियां अपने हैंडसेट में कई तरह के 5G बैंड्स दे रही है। इनमें से कौन से बैंड भारतीय स्मार्टफोन को सपोर्ट करेंगे। आइए जानते हैं विस्तार से..

यूजर्स को फोन में SIM & Network या फिर कुछ स्मार्टफोन में Mobile Networks का ऑप्शन मिलेगा, जिस पर यूजर्स को क्लिक करना होगा।
यहां पर आपको Network Mode का ऑप्शन मिलेगा अगर Preferred Network Type में 5G नजर आ रहा है, तो आपका फोन 5G सपोर्ट करेगा।
इसके अलावा आप फोन की वेबसाइट पर जाकर अपने फोन के 5G बैंड्स की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं और यह ये दोनों ही बेहद आसान तरीके माने जाते हैं।
कितने तरह के होते हैं 5G बैंड्स

हाई बैंड का इस्तेमाल मुख्य तौर पर घनी आबादी वाले क्षेत्रों के लिए किया जाता है। इससे 3 Gbps तक की स्पीड हासिल की जा सकती है। इसमें कवरेज एरिया तो कम होता है लेकिन स्पीड काफी ज्यादा होती है। इसे मिली वेव स्पेक्ट्रम के नाम से भी जाना जाता है, जो 25Ghz से 39Ghz के बीच काम करता है। हाई बैंड टॉवर की उंचाई भी कम होती है क्योंकि बिल्डिंग की वजह से इनके नेटवर्क बाधित हो जाते हैं।

कम आबादी वाले कस्बों व छोटे शहरों के लिए मिड बैंड बेहद काम का है। यह हाई फ्रीक्वेंसी बैंड से अधिक एरिया में नेटवर्क प्रदान करता है। इसमें इंटरनेट स्पीड हाईबैंड की तुलना में थोड़ी कम मिलती है। यह बैंड्स 2.5Ghz से 3.7Ghz के बीच काम करते हैं तथा इन पर 900 Mbps तक की इंटरनेट स्पीड हासिल की जा सकती है।

लो फ्रीक्वेंसी बैंड में सबसे ज्यादा कवरेज एरिया मिलता है। इसमें हाई व मिड बैंड की तुलना में इंटरनेट स्पीड थोड़ा कम हो जाती है लेकिन सिग्नल के मामले में इसे सबसे सही माना गया है। इसमें 6 से 10 किलोमीटर की दूरी तक की रेंज मिलती है। इससे 50 से 250 Mbps तक की इंटरनेट स्पीड हासिल की जा सकती है।