मेरठ. खाएं तो खाएं क्या। मिलावट से शायद ही कोई खाने की चीज अछूती हो। इस साल फरवरी, मार्च और अप्रैल में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) द्वारा लिए गए 140 खाद्य पदार्थों की रिपोर्ट आई है, जिसमें 74 नमूने जांच में फेल निकले हैं। इनमें 37 अधोमानक हैं, 12 असुरक्षित हैं और 25 मिथ्याछाप के मामले हैं।

ये नमूने पनीर, दूध, तेल, मिर्च, नमकीन, हल्दी और मिठाइयों आदि के हैं। हल्दी में मेटानिल येलो केमिकल की मिलावट निकली है तो मावे में आलू की। मिठाइयों को चमकाने के लिए ज्यादा मात्रा में फूड कलर मिलाया गया था। सरसों के तेल में पाम आयल निकला है। मिलावट करने वालों के खिलाफ कोर्ट ने 23 लाख 15 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है, हालांकि मिलावटखोर फिर भी नहीं सुधर रहे।

लचर प्रशासनिक कार्यप्रणाली के कारण नहीं कस पाता शिकंजा
लचर प्रशासनिक कार्यप्रणाली के कारण मिलावटखोरों पर पूरी तरह से शिकंजा नहीं कस पाता है। मिलावट के लगभग सभी मामलों में जुर्माना लगता है। सजा नहीं हो पाती है। जिले में पिछले पांच साल में सजा का कोई मामला नहीं है।

यह वसूला गया जुर्माना
साल 2021-22: 43 लाख 65 हजार रुपये
साल 2020-21: 41 लाख 33 हजार 500 रुपये
साल 2019-20: 70 लाख 88 हजार रुपये
साल 2018-19: 60 लाख 73 हजार रुपये

लगातार जारी है एफएसडीए की कार्रवाई
एफएसडीए की अभिहित अधिकारी अर्चना धीरान ने बताया कि विभाग की टीमें लगातार सक्रिय हैं। खाद्य पदार्थों के सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे जाते हैं और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाती है।

मिलावटी खाना सेहत के लिए नुकसानदेह
फिजिशियन डॉ. तनुराज सिरोही ने बताया कि मिलावटी खाने से किडनी और पेट संबंधी रोग हो सकते हैं। ऐसे खाने से दूर रहें।

मिलावटी तेल-घी दिल के लिए घातक
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया कि मिलावटी तेल और घी का दिल पर तेजी से असर होता है। धमनियों में चिकनाई जम जाती है। हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।