पटना. बिहार में नीतीश कुमार कैबिनेट के नए मंत्रियों ने मगंलवार को शपथ ले ली। शपथ ग्रहण के चंद घंटे बाद ही नीतीश ने अपने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी कर दिया। नई सरकार में 33 साल के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सबसे युवा मंत्री हैं तो 76 साल के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव सबसे बुजुर्ग मंत्री हैं। तेजस्वी ने चुनावी हलफनामे में खुद को क्रिकेटर बताया है। वहीं, सबसे ज्यादा मंत्रियों ने खुद को किसान बताया है। तेजस्वी नीतीश कैबिनेट के सबसे कम पढ़े-लिखें मंत्री हैं। बिहार के उप मुख्यमंत्री महज आठवीं पास हैं। वहीं, तीन मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने पीएचडी कर रखी है। नई कैबिनेट में यादव और मुस्लिम मंत्रियों को दबदबा है। कुल 12 मंत्री ऐसे हैं जो मुस्लिम या यादव समाज से आते हैं।
नीतीश कैबिनेट में शामिल 15 मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने चुनावी हलफनामे में खुद को किसान बताया है। वहीं, लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज ने खुद को समाज सेवी के साथ ही अपना डेयरी उद्योग होने की बात बताई है। गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद बीएएमएस डॉक्टर होने के साथ ही किसान भी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हलफनामे में समाजसेवा को अपना पेशा बताया है। वहीं, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने खुद को क्रिकेटर और समाजसेवी बताया है।
नीतीश कुमार की कैबिनेट में सबसे कम पढ़े लिखे मंत्री उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं। तेजस्वी सिर्फ आठवीं पास हैं। सात मंत्री ऐसे हैं जो सिर्फ 12वीं तक पढ़े हैं। इनमें चार जदयू कोटे से मंत्री बने हैं तो तीन राजद कोटे के हैं। 12वीं पास मंत्रियों में पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह शामिल हैं।
सबसे ज्यादा पढ़े लिखे मंत्रियों की बात करें तो तीन मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने पीएचडी की हुई है। इनमें खान एवं भूतत्व मंत्री रामानन्द यादव, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन शामिल हैं। 12 मंत्रियों के पास स्नातक की डिग्री है। इनमें से पांच प्रोफेशनल ग्रेजुएट हैं। प्रोफेशनल ग्रेजुएट मंत्रियों में तीन इंजीनियर, एक डॉक्टर और वकील हैं। इंजीनियर मंत्रियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हैं। 10 मंत्रियों के पास परास्नातक की डिग्री है।
नीतीश कैबिनेट के सबसे अमीर मंत्री राजद कोटे के सुमीर महासेठ हैं। महासेठ के पास 24.45 करोड़ रुपये की संपत्ति है। नीतीश की कैबिनेट में पांच मंत्री ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 10 करोड़ से अधिक है। वहीं, पांच मंत्री ऐसे भी हैं जिनकी संपत्ति एक करोड़ से कम है। सबसे कम संपत्ति वाले मंत्रियों में कांग्रेस के दोनों मंत्री शामिल हैं। कांग्रेस कोटे से मंत्री बने मुरारी प्रसाद गौतम सबसे गरीब मंत्री हैं। उनके पास 17.66 लाख की कुल संपत्ति है। 2020 में बसपा के टिकट पर जीते मोहम्मद जमा खां के पास 30.04 लाख की संपत्ति है। जमा खां अब जदयू में हैं।
नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल कुल 33 में से 24 मंत्रियों के पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। नौ मंत्री ऐसे हैं जिनके ऊपर एक भी केस नहीं चल रहा है। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर सबसे ज्यादा 11 केस चल रहे हैं। तेजस्वी समेत चार मंत्री ऐसे हैं जिनके ऊपर पांच या पांच से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें तेजस्वी के भाई तेज प्रताप भी शामिल हैं। तेज प्रताप पर पांच मुकदमें चल रहे हैं। राजद कोटे से ही मंत्री बने सुरेंद्र यादव पर नौ तो राजद के ही जितेंद्र राय पर पांच केस चल रहे हैं।
नीतीश की नई कैबिनेट में समाज के सभी वर्गों को शामिल करने की कोशिश की गई है। इसके साथ ही MY समीकरण को फोकस किया गया है। नई कैबिनेट में यादव जाति से आने वाले सात विधायकों को मंत्री बनाया गया है। वहीं, मुस्लिम समाज से आने वाले पांच विधायक मंत्री बने हैं। नीतीश की पिछली एनडीए सरकार की कैबिनेट में भी चार मुस्लिम मंत्री थे। इसके साथ ही राजद ने अगड़ी जाति से आने वाले नेताओं को भी कैबिनेट में प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया है। राजद के कोटा से भूमिहार एमएलसी कार्तिकेय सिंह, राजपूत समाज से आने वाले सुधाकर सिंह को जगह मिली है। सुधाकर सिंह राजद के कद्दावर नेता जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कांग्रेस के कोटे से दो मंत्री बने हैं। इनमें एक दलित समाज से आते हैं तो दूसरे मुस्लिम समाज से हैं।
नीतीश की नई कैबिनेट पर भाजपा नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने निशाना साधा है। सुशील मोदी ने नई कैबिनेट को असंतुलित बताया है। उन्होंने कहा कि नई कैबिनेट में 33 फीसदी से ज्यादा मंत्री यादव और मुस्लिम समाज से आते हैं। नीतीश ने नई कैबिनेट में कई दागियों को भी जगह दी है।