नई दिल्ली। कॉमनवेल्थ गेम्स का छठा दिन भारत के लिए उस वक्त खास बन गया जब भारत के टॉप स्क्वैश खिलाड़ी सौरव घोषाल ने ब्रॉन्ज मेडल भारत के नाम कर दिया। उन्होंने जेम्स विल्स्ट्रॉप को 3-0 से हराकर कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को स्क्वैश सिंगल्स में पहला मेडल दिला कर इतिहास रच दिया है। सौरव ने इस मुकाबले को एकतरफा तरीके से 11-6, 11-1 और 11-4 से अपने नाम किया।
स्क्वैश को कॉमनवेल्थ गेम्स में 1998 में जोड़ा गया था तब से लेकर अब तक भारत इसके सिंगल्स इवेंट में मेडल नहीं जीत पाया था। लेकिन सौरव ने इसकी शुरुआत कर दी है। उम्मीद है यह सिलसिला यही नहीं रुकेगा। स्क्वैश में भारत के मेडल की बात करें तो कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के अब ओवरआल 4 मेडल हो गए हैं। इससे पहले 2014 में दीपिका पल्लीकल और जोशना चिनप्पा की जोड़ी ने गोल्ड जबकि 2018 में सिल्वर मेडल जीता था। इसी साल घोषाल ने दीपिका के साथ मिलकर मिक्स्ड में मेडल जीता था।
भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने सौरव घोषाल को कॉमनवेल्थ गेम्स के सिंगल्स में मेडल जीतने पर शुभकामनाएं दी है। उन्होंने साथ ही कहा कि यह चार साल की मेहनत का फल है। इससे पहले कॉमनवेल्थ 2018 में वह पहले राउंड में बाहर हो गए थे। उन्होंने कहा कि आप सबके लिए प्रेरणा हैं।
दरअसल दिनेश कार्तिक की पत्नी दीपिका पल्लीकल जानी-मानी स्क्वैश खिलाड़ी हैं। वह भी इस कॉमनवेल्थ में भारतीय दल का हिस्सा हैं लेकिन फिलहाल वह इस बार मेडल नहीं जीत पाई हैं। हालांकि भारत की तरफ से वह अग्रणी स्क्वैश खिलाड़ी रही हैं। उन्होंने 2014 में वुमेंस डबल्स में गोल्ड और 2018 में सिल्वर जीता था।