छिंदवाड़ा: ‘ये इश्क नहीं आसां, इतना तो समझ लीजिये…एक आग का दरिया है और डूब के जाना है…चंद लाइनों के इस शेर को यदि वो दोनों समझ लेते तो दोनों जिंदगियां तबाह होने से बच जाती। ये कहानी मध्यप्रदेश के दो शहरों छिंदवाड़ा और बैतूल से जुड़ी है। छिंदवाड़ा के एक शख्स और नागपुर के किन्नर के बीच बेइंतहा मोहब्बत कई बार रिलेशन में बदली, फिर इश्क का यही राज दोनों के लिए जानलेवा बन गया। इनके बीच हुई मोहब्बत एमपी के छिंदवाड़ा के रहने वाले हरिओम चौरे और नागपुर के निक्की नाम के ‘किन्नर’ में गहरी दोस्ती हुई। कभी पहली मुलाकात में हुई शुरू हुई दोनों के बीच बातचीत धीरे-धीरे एक दूसरे के और करीब लाती गई। कुछ दिनों बाद सामान्य बातचीत मोहब्बत में बदलने लगी फिर दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। इतना कि, दोनों एक दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते थे। यह सब कुछ जानते हुए भी कि निक्की ‘किन्नर’ है, तब भी हरिओम उसके बहुत करीब पहुँच गया।
फिर एक दिन सेक्शुअल रिलेशन में बदल गई मोहब्बत निक्की और हरिओम के बीच बेइंतहा प्यार का यह पड़ाव आगे बढ़ता चला गया। हरिओम बैतूल में रहता था और निक्की नागपुर से अक्सर हरिओम के पास पहुँच जाता था। शायद हरिओम भी नहीं जानता होगा कि उसकी ‘किन्नर निक्की’ के प्रति चाहत अनैतिक संबंध (सेक्शुअल रिलेशन) बनाने मजबूर कर देगी। दोनों जब इस रिलेशन की गहराई में उतरे तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसी रिलेशन को शायद हरिओम अपनी असल जिंदगी मानने लगा होगा। इसलिए बैतूल में रहता था हरिओम हरिओम चौरे मूलतया छिंदवाड़ा जिले का रहने वाला था। उसको कुछ समय पहले बैतूल जिले के सारणी में नर्सरी की चौकदारी का काम मिल गया था। यही उसकी किन्नर निक्की से पहली मुलाकात हुई थी। नौकरी के साथ उसकी जिंदगी नया मोड़ लेने लगी थी। जबकि नौकरी के नाम पर हरिओम को सैलरी उसका खर्च चलाने लायक ही थी। घर वालो ने कई बार कहा कि वह बैतूल से लौटकर वापस छिंदवाड़ा आ जाए, लेकिन वह बैतूल में ही रहता रहा।
…फिर वो रात जब ‘संबंधों’ का राज डराने लगा नागपुर के रहने वाले किन्नर निक्की का संबंध सिर्फ हरिओम से ही नहीं था, बल्कि उसने बैतूल जैसे और भी कई शहरों में ऐसे ही रिलेशन बना रखे थे। जब यह बात हरिओम को मालूम चली, तो उसे डर सताने लगा कि कही उसके और निक्की के बीच रिलेशन का दूसरों को पता न चल जाए। इसी दौरान 14 जुलाई को दोनों के बीच बहस हुई। तभी निक्की ने खुद को अपने शरीर को चोट पहुंचाई फिर पुलिस में हरिओम के खिलाफ मारपीट का झूठा आरोप लगाते हुए पुलिस को फोन कर दिया। ‘राज’ खुलने के डर ने घोंट दिया गला पुलिस में शिकायत पहुँचने से हरिओम को ऐसा लगा, जैसे उसके पैरों तले जमीन खिसक गई हो। जिस कमरे में दोनों मौजूद थे, वही हरिओम ने किन्नर निक्की का रस्सी से गला घोंट दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। उसके बाद हरिओम ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। पुलिस के मुताबिक जिस रस्सी से उसने फांसी लगाई, उसी रस्सी के निशान किन्नर निक्की के गले में थे। डायल 100 पर पुलिस को मिली थी खबर सारणी पुलिस के मुताबिक किन्नर निक्की के द्वारा आधी रात को डायल 100 पर मारपीट की सूचना दी गई थी। थोड़ी देर बाद जब पुलिस ने मोबाइल पर वापस कॉल किया, तो बंद जा रहा था। फिर अगली सुबह हरिओम के सुसाइड की सूचना पुलिस के पास पहुंची। जिसके बाद पड़ताल में जुटी पुलिस ने जब छानबीन की तो हत्या और ख़ुदकुशी की पूरी हकीकत सामने आ गई।