सहारनपुर. आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा पकड़ा गया जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान का आतंकी मुहम्मद नदीम फिदायीन हमले की तैयारी कर रहा था। वह देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त था। वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकियों के संपर्क में लगातार रहा है।

एटीएस ने कोतवाली गंगोह क्षेत्र के गांव कुंडाकला निवासी मुहम्मद नदीम (25) पुत्र नफीस अहमद को पकड़ा है। बीते रविवार को उसके भाई तैमूर को भी एटीएस अपने साथ ले गई थी। बताया गया कि तैमूर को बाद में छोड़ दिया गया।

एटीएस के मुताबिक, नदीम तहरीक-ए-तालिबान और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों के सीधे संपर्क में था। आरोपी के मोबाइल फोन से एक पीडीएफ फाइल बरामद हुई है, जिसका टाईटल एक्पलोसिव कोर्स फिदायीन लिखा है, जिसमें फिदायीन हमले के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई है। इसके अतिरिक्त नदीम के मोबाइल फोन से पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान के जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों के साथ की गई बातचीत की चैटिंग और वॉइस मैसेज भी मिले हैं।

2018 से आया था संपर्क में
एटीएस के मुताबिक, नदीम के मोबाइल फोन में मिली चैट के आधार पर पता चला है कि नदीम वर्ष 2018 से आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान से जुड़ा था। सोशल मीडिया के जरिए वह लगातार पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकियों से बात करता था। उसने वर्चुअल नंबर बनाने का भी प्रशिक्षण प्राप्त किया और आतंकियों को लगभग 30 से अधिक वर्चुअल नंबर बनाकर दिए। टीटीपी के आतंकी सैफुल्ला ने नदीम को फिदायीन हमले का प्रशिक्षण सोशल मीडिया के जरिए उपलबध कराया था।

सरकारी भवन और पुलिस मुख्यालयों पर करना चाहता था हमला
नदीम ने पाकिस्तान के आतंकी सैफुल्ला से सोशल मीडिया पर प्रशिक्षण लिया। इसके बाद वह फिदायीन हमले में इस्तेमाल होने वाली सामग्री एकत्र करने में जुटा था। आरोपी सरकारी भवनों और पुलिस मुख्यालयों पर फिदायीन हमला करना चाहता था।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान जाने की फिराक में था नदीम
आरोपी ने एटीएस की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जैश ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान के आतंकियों ने उसे स्पेशल ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान आने के लिए कहा था। आरोपी वीजा लेकर पाकिस्तान जाने की भी तैयारी कर रहा था। उसका मकसद पाकिस्तान में विशेष ट्रेनिंग लेने का था। वह मित्र देश के माध्यम से सीरिया एवं अफगानिस्तान जाने की भी योजना बना रहा था।

एटीएस के मुताबिक, नदीम में पूछताछ में बताया कि जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान के आतंकियों ने उसे नुपुर शर्मा की हत्या करने का भी टॉस्क दिया था, जिसकी वह तैयारी भी कर रहा था, लेकिन इससे पहले ही आरोपी एटीएस के हत्थे चढ़ गया।

नदीम युवाओं का नेटवर्क भी कर रहा था तैयार
देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त नदीम कई युवाओं को भी अपने साथ शामिल करना चाहता था। इसके लिए उसने पश्चिमी यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब सहित अनेक राज्यों में अपना नेटवर्क मजबूत किया था। कई युवा आरोपी के संपर्क में रहे हैं। नदीम के संपर्क में रहे युवा और लोग भी एटीएस एवं पुलिस की रडार पर आ गए हैं।

खुफिया विभाग को नहीं थी भनक, एटीएस ने पकड़ा तो चला पता
एक बार फिर जनपद का खुफिया विभाग फेल साबित हुआ है। कोतवाली गंगोह क्षेत्र के गांव कुंडाकला निवासी मुहम्मद नदीम लंबे समय से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकियों से जुड़ा था। वह देश विरोधी साजिश रच रहा था, लेकिन स्थानीय पुलिस और खुफिया विभाग को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। अब एटीएस की कार्रवाई के बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए तो हड़कंप मचा है।

नदीम ने गांव कुंडाकला में रहते हुए जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान के आतंकियों के साथ संपर्क बना लिए। नदीम पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में लगा रहा। सूत्र बताते हैं कि नदीम ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकियों को देश एवं प्रदेश से संबंधित गोपनीय जानकारी भी उपलब्ध कराई हैं। आरोपी लगातार साजिश रचता रहा, लेकिन स्थानीय पुलिस और खुफिया विभाग को इस बारे में पता ही नहीं लग पाया है।

जनपद को बनाया सुरक्षित ठिकाना
जनपद आतंकियों और संदिग्धों का सुरक्षित ठिकाना रहा है। क्योंकि, यहां से कई बाद आतंकी, बांग्लादेशी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त आरोपी पकड़े गए हैं। जनपद समेत पश्चिमी यूपी के जिले आतंकियों की शरणस्थली बने हैं। जनपद भी आतंकियों ने पनाहगाह रहा। देवबंद का नाम भी आतंकी गतिविधियों लेकर सुर्खियों में रहा है। यहां पर कई बार एटीएस छापामारी कर चुकी है और कई संदिग्धों को पकड़ चुकी है। इसी तरह शहर सहित जिले में कई इलाकों में आतंकी व बांग्लादेशी छिपकर रहे हैं। ऐसे संदिग्ध की निगरानी करने में स्थानीय पुलिस और खुफिया विभाग को कभी भी भनक नहीं लगी है। जब बाहर की पुलिस या एटीएस कार्रवाई करती है, तभी पुलिस को पता चलता है।

सहारनपुर में हुईं प्रमुख घटनाएं
दो वर्ष पूर्व देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाहनवाज तेली निवासी कुलगाम (जम्मू-कश्मीर) और आकिब अहमद मलिक निवासी पुलवामा की गिरफ्तारी हुई।

2019 में देवबंद से पांच बांग्लादेशी पकड़े गए।
फरवरी 2021 में थाना कुतुबशेर क्षेत्र की एकता कॉलोनी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी पिता-पुत्र को एटीएस ने पकड़ा था। दोनों आरोपी 20 साल से ठिकाने बदलकर सहारनपुर रहे, जो बांग्लादेशियों को यहां बसाने का काम करते थे।

2016 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीमों ने सहारनपुर रेलवे स्टेशन के बाहर से हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी एजाज शेख को दबोचा।

2010 में पाकिस्तानी जासूस शाहिद उर्फ इकबाल भट्टी को पटियाला पुलिस ने हकीकतनगर से गिरफ्तार किया, जो देवराज सहगल के नाम से यहां आठ वर्षों से रहा रहा था। इसने भारतीय नागरिकता भी प्राप्त कर ली थी।

अयोध्या में हुए बम विस्फोट में तीतरो निवासी डॉ. इरफान को पकड़ा गया।
2001 में आतंकी गतिविधियों के चलते मुफ्ती इसरार को पकड़ा गया।
1994 में तीन ब्रिटिश नागरिकों को बंधक बनाकर आतंकियो ने खाताखेड़ी में रखा था। इन्हें छुड़ाने के लिए हुई मुठभेड़ में इंस्पेक्टर ध्रुवलाल शहीद हुए थे।
1991 में लक्ष्मी सिनेमा में बम फटा था, जिसमें करीब दस लोग मरे थे, उस समय घटना में आतंकियों का हाथ बताया गया था।
किफायत उल्लाह उर्फ जाफर अहमद उर्फ अताउरर्हमान उर्फ अल उल्लाह मोहल्ला कस्साबान सरसावा का रहने वाला था, जो बाद में जम्मू-कश्मीर चला गया था, फिर आतंकी संगठन हूजी का चीफ बना था।