नई दिल्ली। देशभर में दूध की कीमतें बुधवार से बढ़ गई हैं। पहले अमूल ने टोंड और फुल क्रीम दूध की कीमतें दो रुपये बढ़ा दी। उसके बाद मदर डेयरी ने भी दाम बढ़ा दिए हैं। ऐसे में यह जानना रोचक होगा कि बेंगलुरु ऐसा शहर है, जहां दूध की कीमत देशभर में सबसे कम है। यहां कर्नाटक को-आपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन ( केएमएफ) ब्रांड का टोंड और फुल-क्रीम दूध क्रमश: केवल 38 रुपये और 46 रुपये प्रति लीटर है। आइटी सेक्टर की वजह से जहां बेंगलुरु में रहन-सहन आम शहरों से महंगा है, वहां दूध सबसे सस्ता कैसे मिल रहा है? आइए, जानते हैं क्या है कारण? और जनता को कितना फायदा?

यह जानने के लिए 14 साल पहले एक योजना पर नजर डालना जरूरी है। यह है कर्नाटक के डेयरी किसानों के लिए प्रोत्साहन के रूप में दी जाने वाली राशि। येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने सितंबर 2008 से केएमएफ से संबद्ध डेयरी यूनियनों को दूध की आपूर्ति के लिए दो रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन देना शुरू किया, जो बाद के खरीद मूल्य से अधिक था।

सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने मई 2013 में, प्रोत्साहन को दोगुना कर दिया और नवंबर 2016 में इसे और बढ़ाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया। नवंबर 2019 में जब येदियुरप्पा वापस सत्ता में आए, तो इसे फिर से बढ़ाकर 6 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया।

इस प्रोत्साहन राशि को पाने के लिए किसानों ने दूध का उत्पादन बढ़ा दिया। इससे खरीदी कई गुना बढ़ गई और मांग स्थिर रही। इसकी वजह से कीमतें भी स्थिर रहीं। केएमएफ के दुग्ध प्रोडक्ट नंदिनी नाम से बिकते हैं।

अगस्त 2013 में, सिद्धारमैया प्रशासन ने एक अलग क्षीरा भाग्य योजना का अनावरण किया। इसके तहत, सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में लगभग 64 लाख बच्चों और प्री-स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्रों में 40 लाख बच्चों को रोजाना 150 मिलीलीटर का गिलास मुफ्त दूध दिया जाता था। शुरू में यह तीन दिन था, जो जुलाई 2017 से सप्ताह में पांच दिन कर दिया गया। क्षीरा भाग्य योजना के तहत प्रतिदिन 10 लाख लीटर अतिरिक्त दूध की खपत बढ़ गई।