नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक को-ऑपरेटिव बैंक पर कार्रवाई करते हुए उसके लाइसेंस को रद्द करने का फैसला किया है. यह बैंक कर्नाटक का डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक. आरबीआई (RBI) ने 18 अगस्त 2022 से बैंक के लाइसेंस को कैंसिल कर दिया है. इसके साथ ही को-ऑपरेटिव बैंक समिति के रजिस्ट्रार को बैंक के सारे पैसों को मैनेज करने के लिए कहा गया है. इसके लिए एक अधिकारी की नियुक्ति के आदेश भी दिए गए है.
कर्नाटक के को-ऑपरेटिव बैंक डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर रिजर्व बैंक ने यह कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि बैंक के पास कमाई का कोई साधन नहीं बचा था. बैंक की आर्थिक हालत बेहद खराब थी और उसके पास बैंक डिपॉजिटर्स को पैसे वापस करने के लिए कैपिटल की कमी थी.
ऐसे बैंक के ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए इसके लाइसेंस को कैंसिल करने करना का फैसला आरबीआई ने किया. बैंक का लाइसेंस कैंसिल होने के बाद से ग्राहकों न अपने खाते से पैसे निकाल पाएंगे न ही उसे पैसे जमा कर पाएंगे. बैंक अब किसी तरह के बैंकिंग कामकाज को नहीं कर पाएंगा. आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों को न फॉलो करने के कारण की गई है.
इसके साथ ही बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम 22(3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) का पालन करने में भी विफल रहा है.
आपको बता दें कि जिन ग्राहकों का पैसा डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में जमा है उन्हें 5 लाख रुपये के डिपॉजिट पर इंश्योरेंस की सुविधा मिलती है. यह इंश्योरेंस डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) इंश्योरेंस स्कीम के द्वारा मिल रही है. गौरतलब है कि DICGC एक रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी जो को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है. ऐसे में किसी खाताधारक के 5 लाख रुपये के डिपॉजिट पर DICGC उसे पूरा इंश्योरेंस क्लेम देता है.