मुम्बई। मशहूर कॉमेडी स्टार राजू श्रीवास्तव हार्ट अटैक के बाद फिलहाल अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. वो दिखने में फिट थे और अक्सर वर्कआउट के लिए जिम जाया करते थे. पिछले कुछ वक्त से कई सेलेब्रिटीज का दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया, इसमें बॉलीवुड सिंगर केके, कन्नड़ सुपरस्टार पुनीत राजकुमार और टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला शामिल हैं. ये सभी लोग फिटनेस ‘गजोधर भैया’ की तरह फिटनेस फ्रीक थे लेकिन फिर भी हार्ट अटैक आना हैरान करने वाली बात है.
आपने शायद ही कभी सुना होगा कि 40 की उम्र पार कर चुकीं एक्ट्रेसेस जो रेगुलर जिम में पसीना बहाती है उन्हें कभी भी दिल की बीमारियों का खतरा पैदा हुआ हो. आखिर महिला के शरीर में ऐसा क्या सुरक्षा कवच है जिसके कारण वो हार्ट अटैक से महफूज रहती हैं.
आपने अक्सर देखा होगा कि कई महिलाएं अपने पारिवारिक और ऑफिस की जिम्मेदारियां दोनों एक साथ निभाती हैं इस वजह से उन्हें डबल स्ट्रेस हो जाता है लेकिन इसका असर उनके हार्ट पर ज्यादा नहीं पड़ता. दरअसल पीरियड्स की वजह से महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित रहती हैं. हालांकि मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर की स्थिति बदल जाती है
फीमेल बॉडी में प्रोजेस्ट्रॉन और एस्ट्रोजन नामक हार्मोन्स का लेवल तब तक मेंटेन रहता है जब तक वो पीरियड वाले एज में होती है. मेनोपॉज स्टेज में पहुंचने के बाद इन हार्मोन्स का लेवल कम होने लगता है जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. दरअसल एस्ट्रोजन महिलाओं के ब्लड वेसल्स को स्मूद बनाता है जिससे रक्त संचार सही से होता है और दिल को नुकसान नहीं पहुंचता.
अक्सर आपने देखा होगा कि पुरुष अपने मसल्स और एब्स बनाने के चक्कर में जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं, इसकी वजह से हार्ट तेजी से पंप करता है और इसकी वजह से कई बार दिल का दौरा पड़ जाता है. वहीं महिलाएं ज्यादातर कार्डियो, एरोबिक और योग पर फोकस करती हैं जिससे उनकी बॉडी शेप में रह सके इसलिए उनके दिल पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता.