रियासी. जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन के लिये आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए प्रायोगिक आधार पर रेडियो-फ्रीक्वेंसी आधारित आईडी कार्ड पेश किया गया है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. रेडियो-फ्रीक्वेंसी पहचान प्रणाली (आरएफआईडी) वायरलेस तकनीक पर आधारित है, जिसे रेडियो तरंगों के माध्यम से ट्रैक किया जा सकता है.

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले हफ्ते बालगंगा और ताराकोट से गुफा मंदिर तक तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नजर रखने के उद्देश्य से प्रायोगिक आधार पर आरएफआईडी प्रौद्योगिकी को लागू किया गया है.’’ यह प्रणाली श्राइन बोर्ड को क्षमता के अनुसार तीर्थयात्रियों की संख्या को विनियमित करने में मदद करेगी.

अधकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों पर नजर रखने के लिए, खासतौर पर जो लोग भीड़ में गुम हो जाते हैं या अपने परिवार/ग्रुप से बिछड़ जाते हैं उन लोगों के लिए ये सुविधा महत्वपूर्ण हो जाती है. जल्द ही एक पूर्ण आरएफआईडी सुविधा की शुरूआत की जाएगी. इसका ट्रायल तो हो ही रहा है और आने वाले सप्ताहों में इसे पूर्ण रूप से लागू कर दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि आरएफआईडी कार्डधारी तीर्थयात्रियों को आधार शिविर कटरा से भवन तक 13 किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान ट्रैक किया जा सकता है, जो न केवल आगंतुकों के लिए बल्कि श्राइन बोर्ड और अन्य यात्रा सुविधा एजेंसियों के लिए भी एक वरदान साबित होगा. गौरतलब है कि अभी प्रतिदिन 20 हजार से 25 हजार से तीर्थयात्री माता के भवन में मत्था टेकने के लिए कटरा आधार शिविर पहुंच रहे हैं.