इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मुश्किल में हैं। इमरान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा है। पुलिस ने उनके खिलाफ पाकिस्तान की एंटी टेररिज्म एक्ट की धारा सात के तहत एफआईआर दर्ज की है। उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। हालांकि, कोर्ट ने इमरान को तीन दिन की राहत दी है। गुरुवार तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि आखिर अचानक अपने ही पूर्व प्रधानमंत्री पर पाकिस्तान की पुलिस ने आतंकवादी होने का आरोप क्यों लगा दिया? किस मामले में उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है? जिस धारा में एफआईआर दर्ज है उसका क्या मतलब है? क्या इमरान को फांसी की सजा मिलेगी? आइए जानते हैं…

मामला 20 अगस्त का बताया जा रहा है। इमरान खान इस्लामाबाद के एफ-9 पार्क में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक जज, कई अफसरों और सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक बातें की। इसे सरकार ने भड़काऊ भाषण माना है। आरोप है कि इसके जरिए इमरान खान देश की जनता को सरकार, कोर्ट और सेना के खिलाफ भड़काना चाहते थे। देश में गृह युद्ध कराना चाहते थे।

जैसे ही मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया सरकार और पुलिस एक्शन में आ गई। तुरंत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने इमरान के भाषण के लाइव प्रसारण पर रोक लगा दी। आगे भी उनके भाषणों को लाइव न प्रसारित करने का आदेश जारी किया गया है।

इधर, पुलिस ने मामले में इमरान खान पर एंटी टेररिज्म एक्ट की धारा सात के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। इमरान की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उनके घर बनीगाला भी पहुंची थी, लेकिन लोगों की भारी भीड़ देखते हुए उसे वापस लौटना पड़ा। अब कोर्ट ने तीन दिन तक इमरान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। उधर, इमरान के समर्थकों ने चेतावनी दी है कि अगर इमरान को गिरफ्तार किया जाएगा तो देशभर में बवाल हो जाएगा। इस्लामाबाद पर कब्जा हो जाएगा।

पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए इमरान खान भाग खड़े हुए हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान पंजाब प्रांत में कहीं सेफ प्लेस पर छिपे हुए हैं। वह लगातार अपने समर्थकों को आगे कर रहे हैं, ताकि सरकार अपने कदम पीछे खींच ले। इमरान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं ने धमकी देना शुरू कर दिया है।

गिरफ्तारी से बचने के लिए इमरान खान ने सोमवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। इमरान के वकील बाबर अवान और फैसल चौधरी ने उनकी तरफ से ये याचिका दायर की। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक याचिका में कहा गया है कि इमरान को सत्ताधारी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) निशाना बना रहा है। उन्हें भ्रष्टाचार और भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ बोलने के कारण टारगेट किया जा रहा है।

इमरान के करीबी और पूर्व मंत्री अली अमीन खान ने कहा कि अगर पाकिस्तान सरकार इमरान को गिरफ्तार करती है तो पीटीआई कार्यकर्ता इस्लामाबाद को ‘टेकओवर’ कर लेंगे। पीटीआई के ही नेता हसन नियाजी ने देशभर में हड़ताल करने का एलान कर दिया है।

सांसद अली अमीन गंडापुर ने पुलिस को धमकाया कि वह राजनीतिक युद्ध का हिस्सा ना बने। अमीन ने ट्विट कर कहा, ‘अगर इमरान खान को आयातित सरकार गिरफ्तार करती है तो हम इस्लामाबाद पर कब्जा कर लेंगे।’ अमीन ने आगे लिखा, पुलिस को मेरा संदेश है कि इस राजनीतिक युद्ध का आगे हिस्सा ना बने नहीं तो हम आपसे पीडीएम कार्यकर्ताओं की तरह पेश आएंगे, पुलिस की तरह नहीं। पीटीआई और पीडीए की नेतृत्व को लड़ने दीजिए और इस बार फैसला हो ही जाने दीजिए।’

इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान की संविधान के अनुसार एंटी टेररिज्म एक्ट-1997 की धारा सात के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। इस आरोप के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होगी। अगर इमरान खान दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें आजीवन करावास से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार इमरान खान को हर हालत में चुप कराना चाहती है। इमरान लगातार आम लोगों को भड़काने में जुटे हैं। वह सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन भी इमरान खान को मिल रहा है।

इमरान पर आए संकट के बीच उनकी पार्टी PTI के लिए कराची उप-चुनाव में अच्छी खबर आई है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक उनकी पार्टी को NA-245 सीट पर हुए उप-चुनाव में जीत मिली है। इसे उनकी पार्टी के लिए बड़ी मनोवैज्ञानिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, एक हफ्ते पहले हुए स्थानीय निकाय के चुनाव में इमरान की पार्टी को करारी हार मिली थी।