मेरठ। गायों की सेहत पर लंपी रोग ने हमला बोल दिया है। राजस्थान और गुजरात में कहर बरपाने वाले लंपी ने जिले में भी 157 गायों को बीमार कर दिया है। रोग के प्रकोप को देखते हुए बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। साथ ही पशु चिकित्सकों की एक दर्जन टीमें गठित कर निगरानी शुरू कराई है। टीम हर दिन निरीक्षण व उपचार को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी। मात्र चार दिन में ही रोग से पीड़ित गायों की संख्या बढ़ी है। गोआश्रय स्थल में रखी गई गायों के साथ किसानों की पालतू गायों में भी रोग फैल रहा है।
सोमवार को सीवीओ डा. अखिलेश गर्ग ने जिले भर के पशु चिकित्सकों के साथ बैठक कर बचाव के लिए अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। टीम हर दिन अपने क्षेत्र में निगरानी के लिए निरीक्षण कर गायों की सेहत की जांच करेगी। साथ ही पशु पालकों को रोग से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करने को समझाया जाएगा। रोग से पीड़ित गायों की संख्या, मौत और ठीक होने को लेकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
लक्षण दिखते ही दें सूचना
लंपी रोग होने पर गाय की त्वचा पर चेचक, नाक बहना, तेज बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं। इस वायरस की वजह से पशुओं को काफी तेजी बुखार आता है। इससे पशु की शारीरिक क्षमता काफी गिरने लगती है। इसके कुछ दिनों बाद पशुओं के शरीर पर चकत्ते नजर आने लगते हैं। गायों में इस तरह के लक्षण नजर आने पर तत्काल पशु पालन विभाग को सूचना दें, ताकि पशु का उपचार शुरू किया जा सके।
घर पर इस तरह करें बचाव
रोग से पशुओं को बचाने के लिए मच्छर, मक्खी आदि को रोकने के लिए साइपरमेथ्रीन का घोल पशुओं वाले स्थान पर करें। गुगल, कपूर और नीम के सूखे पत्तों का सुबह-शाम गहरा धुआं करें। साफ-सफाई व बाड़े को सूखा रखें। बीमार पशु को अलग रखें, पशुओं को जंगल लेकर न जाएं और खरीद व बिक्री से भी बचें।
सैंपल जांच को भेजा मेरठ
माधवपुरम के सेक्टर तीन निवासी वीरपाल चौधरी की पालतू गाय को दो दिन पहले बुखार आया। गाय का उपचार कराया, लेकिन रविवार रात में उसकी मौत हो गई। पशु पालन विभाग को सूचना दी गई। परतापुर पशु चिकित्सालय से पशु चिकित्सक प्रियंका शर्मा की टीम व सूरजकुंड पशु चिकित्सालय से डिप्टी पशु चिकित्साधिकारी डा. वेदपाल की टीम पहुंची। गाय का सैंपल लेकर बरेली भेज दिया गया है।
जनपद में अभी लंपी से पीड़ित 157 पशुओं की पहचान की गई है। अभी रोग से पीड़ित किसी पशु की मौत नहीं हुई है। निगरानी के लिए टीमों का गठन किया गया है। हर दिन टीम निरक्षण कर गायों की सेहत की जांच करेगी और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। – डा. अखिलेश गर्ग