नई दिल्ली. आपने भी सुना होगा कि दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई बढ़ रही है. आपको यह जानकर हैरत भी होती होगी कि आखिर ऐसा कैसे होता है. अपने इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएंगे कि कैसे और क्यों बढ़ रही है माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई-

माउंट एवरेस्ट एक नवीन वलित पर्वत है. अब आपके मन में सवाल आया होगा कि आखिर ये नवीन वलित पर्वत क्या है. तो हम आपको आसान भाषा में इसका मतलब भी समझाते हैं. सबसे पहले तो हम आपको बताते हैं कि धरती को अलग-अलग प्लेटों में बांटा गया है. ऐसी ही एक प्लेट है इंडियन प्लेट और दूसरी है यूरेशियन प्लेट.

उत्तर से यूरेशियन प्लेट और दक्षिण से इंडियन प्लेट धरती के नीचे एक-दूसरे से टकराते हैं. जिसकी वजह से ठीक वैसे जैसे कि आटा गूंथने के समय जब हम उसे बीच से दबाते हैं तो वो बाहर निकलता है धरती से पर्वत भी दोनों के बीच दबाव के चलते निकला है. इसको वलित पर्वत इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें साड़ी के फोल्ड जैसे वलन पड़ते हैं.

इसके अलावा उम्र के हिसाब से यह अभी अपनी युवावस्था में ही है. कुछ करोड़ साल पर्वत के लिए युवावस्था की ही उम्र होती है. इसलिए ही यह एक नवीन(युवा)वलित पर्वत है.

पहले माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर थी. लेकिन 2020 में नेपाल और चीन ने संयुक्त बयान जारी कर इसकी नई ऊंचाई के बारे में बताते हुए कहा था कि इसकी वर्तमान ऊंचाई अब 8848.86 मीटर है. यानी कि इसकी ऊंचाई में .86 मीटर की बढ़ोत्तरी हुई है. हालांकि यह तय है कि आगे भी इसकी ऊंचाई बढ़ेगी.

माउंट एवरेस्ट हिमालय पर्वत श्रंखला के अंतर्गत आता है. यह नेपाल में स्थित है और चीन के साथ नेपाल की सीमा बनाता है. गौरतलब है कि माउंट एवरेस्ट दुनियां की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है.