नई दिल्ली. भारत में लगभग हर घर में आपको सोना देखने को मिल जाएगा. पुराने समय से ही लोग सोने में निवेश करना बहुत पसंद करते हैं. यह न सिर्फ एक सुरक्षित निवेश का ऑप्शन है बल्कि सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. लोग धनतेरस, अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों पर खास तौर पर सोना खरीदते हैं. लोग घर में सोना खरीदकर रख देते हैं कि जब बुरा वक्त आए तो यह सोना उनके काम आ सकें.

आजकल बैंक गोल्ड के बदले बड़ी आसानी से गोल्ड लोन देते हैं. अगर आप भी अपने घर में सोना रखते हैं तो यह खबर आपके काम की है. क्या आपको पता है कि घर में सोना रखने के एक लिमिट तय की गई है. भारत में ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता है कि देश में सोना रखने की एक लिमिट तय की गई है. सरकार ने विवाहित स्त्री, अविवाहित स्त्री और पुरुष सभी के लिए सोना रखने के लिए अलग-अलग लिमिट तय की गई है.

भारत में साल 1968 में गोल्ड कंट्रोल एक्ट को लागू किया गया था जिसके अनुसार देश की हर व्यक्ति के पास एक सीमित मात्रा में ही सोना होना चाहिए. बाद में सरकार ने साल 1990 में इस एक्ट को वापस ले लिया , लेकिन अगर आपके पास सोना है तो आपको उसके सोर्स की सही जानकारी होनी चाहिए. अगर आप सोना खरीदते हैं तो उसे जुड़े सभी दस्तावेज भी अपने पास रखें. अगर आपके पास सोने के सही दस्तावेज नहीं हैं तो ऐसे में इस तरह के गोल्ड के लिए लिमिट तय की गई है.

एक्सपर्ट्स के अनुसार सरकार ने बिना डॉक्यूमेंट्स के सोना रखने की लिमिट तय की है. यह लिमिट पुरुषों और स्त्रियों के लिए अलग-अलग है. बता दें कि एक विवाहित स्त्री 500 ग्राम तक का सोना रख सकती हैं. वहीं अविवाहित के लिए यह लिमिट केवल 250 ग्राम है. वहीं पुरुष केवल 100 ग्राम तक बिना डॉक्यूमेंट के सोना रख सकता है. वहीं अगर आपके पास सभी सोने के डॉक्यूमेंट्स हैं तो आप अपनी मर्जी के अनुसार सोना घर में रख सकते हैं. अगर आपके पास तय लिमिट से ज्यादा सोना बिना किसी दस्तावेज के रखते हैं तो आप पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भी भेज सकता है.

अगर आप घर पर सोना रखते हैं तो आपको इसके ऊपर टैक्स भी देना होगा. अगर सोना 3 साल से कम समय के लिए रखा जाता है तो यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के तहत आता है और इस पर टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाता है. वहीं 3 साल से अधिक के लिए सोना रखने पर आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के रूप में 20% टैक्स देना होगा.