नई दिल्ली। दोस्ती का रिश्ता पहला ऐसा रिश्ता होता है, जो इंसान खुद बनाता है। एक शख्स किसी दूसरे शख्स से मिलता है, संवाद करता है और उसके विचारों, व्यवहार से प्रभावित होकर दोस्ती करता है। दोस्ती विश्वास पर टिका रिश्ता होता है। एक सच्चा दोस्त हमेशा आपको सही सलाह देता है, आपकी फ्रिक करता है और आपकी खुशियों में खुश होता है। आज के दौर में लोगों के पास कई सारे दोस्त होते हैं। स्कूल, काॅलेज, ऑफिस, आसपड़ोस इन सभी जगहों पर आपके दोस्त मिल सकते हैं लेकिन सैकड़ों दोस्तों की भीड़ में सच्चा दोस्त कौन है और कौन आपका दोस्ती के नाम पर फायदा उठा रहा है, इसकी पहचान करना जरूरी है। कई बार आपकी ऐसे लोगों से भी दोस्ती हो सकती है, जो सिर्फ अपना मतलब निकालने और आपका इस्तेमाल करने के लिए आपसे दोस्ती करते हैं। कहीं दोस्त आपका फायदा तो नहीं उठा रहा, इस बात का कुछ तरीकों से पता लगा सकते हैं। यहां जानिए ललची दोस्त की पहचान का तरीका।

दोस्त एक साथ अक्सर घूमने, शॉपिंग करने या कैफे आदि जाते हैं। इन जगहों पर दोस्ती की पहचान की जा सकती है। जब भी दोस्त के साथ आप कहीं बाहर जाएं और जब भुगतान की बारी आए तो हर बार आप ही भुगतान करते हों, तो समझ जाएं कि दोस्त आर्थिक सुविधाओं के लिए आपका फायदा उठा रहा है। वह अपने खर्च भी आपसे ही पूरे कराने लगें तो दोस्त से दूरी बना लें।

काॅलेज और कामकाज की व्यस्तता के कारण अक्सर दोस्त रोजाना एक दूसरे से नहीं मिल पाते, लेकिन जब भी फ्री होते हैं तो एक दूसरे का हालचाल लेते हैं। लेकिन कुछ दोस्त ऐसे होते हैं, जो सिर्फ जरूरत या काम के समय पर ही आपको काॅल या मैसेज करते हैं। इस तरह के दोस्त अपने मतलब के लिए आपके साथ जुड़े होते हैं। वह खुद से कभी आपसे बात नहीं करते, लेकिन जब उन्हें आपसे कोई मदद चाहिए होती है तो ही आपसे बात करते हैं।
फ्रेंडशिप टिप्स

दोस्ती विश्वास पर टिकी होती है। अक्सर दोस्त एक दूसरे से हर बात शेयर करते हैं लेकिन जब आपका दोस्त आपसे झूठ बोले, बातें छुपाए या फिर शो ऑफ करे तो समझ लेना चाहिए कि वह आपको अपना दोस्त नहीं समझता। ऐसे लोग सिर्फ आपके साथ टाइम पास करते हैं या अपना वक्त बिताना चाहते हैं, जब उनके पास कोई दूसरा टाइमपास होगा तो वह आपको किनारे कर देंगे।

दोस्त हमेशा एक दूसरे का भला चाहते हैं। हो सकता है कि मस्ती मजाक में दोस्त अपनी भावनाएं जाहिर न कर पाए लेकिन जब आपको सच में जरूरत होगी तो आपको दोस्त बेस्ट सलाह आपको देता है लेकिन जो लोग दोस्ती के नाम पर आपका फायदा उठा रहे होते हैं, वह भावनात्मक तौर पर आपके जुड़े नहीं होते। उन्हें आपकी फ्रिक नहीं होती। जब आपको दोस्त के साथ की जरूरत होती है तो वह अक्सर ही व्यस्थ हो जाते हैं।