दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका में एक सिरफिरे आशिक ने अंकिता सिंह को जलाकर मार डाला। गंभीर रूप से जख्मी अंकिता ने रांची स्थित रिम्स में तीन दिनों तक मौत से लड़ने के बाद रविवार को दम तोड़ दिया। छात्रा की मौत के बाद दुमका ही नहीं, पूरा झारखंड उबला हुआ है। सोमवार को अंकिता के शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। अंकिता की शवयात्रा में हजारों लोग जमा हो गए हैं।
दुमका में रविवार को शहर में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। विभिन्न संगठन के लोगों ने शहर की सारी दुकानों को बंद कराया। कई जगह पर सड़कों को जाम किया। लोगों ने हत्यारे को फांसी और पुलिस पदाधिकारी को तत्काल दुमका से हटाने की मांग की। दुधानी में करीब एक घंटे तक जमकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी हुई। दोपहर करीब तीन बजे के बाद स्थिति थोड़ी नियंत्रित हुई, लेकिन सोमवार को सुबह से एक बार फिर लोगों का आक्रोश चरम पर है। तनाव को देखते हुए पूरे शहर में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई। हर जगह पर पुलिस के अधिकारी मोर्चा संभाले हुए हैं। तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक जिले में धारा 144 लगा दी है।
अंकिता की मौत के बाद जिला प्रशासन ने पूरे शहर की चौकसी बढ़ा दी है। हर चौक चौराहों पर एसएसबी के जवान के साथ एक पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की गई है। पुलिस के जवान लगातार मोटरसाइकिल से क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं।
अंकिता की मौत के बाद संभावित धरना प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक के लिए पूरे जिले में धारा 144 लगा दी है। एसडीओ महेश्वर महतो ने बताया कि निषेधज्ञा अगले आदेश तक यह प्रभावी रहेगी। अब एक जगह पर पांच से अधिक लोग एकत्र नहीं होंगे। बिना अनुमति के किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन, धार्मिक सभा, सामूहिक भोज, जुलूस व रैली का आयोजन पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। इसका उल्लंघन करने वालों पर मामला दर्ज किया जाएगा। हालांकि इसके बावजूद हजारों लोग अंकिता के शव को देखने के लिए जमा हो गए हैं।
अंकिता की मौत के बाद सोमवार को दूसरे दिन भी बाजार स्वत: बंद है। मुस्लिम महिलाएं भी अंकिता के शव को देखने के लिए जमा हो गई हैं। लोगों में घटना के प्रति आक्रोश है। रविवार को जैसे ही लोगों को पता चला कि दुमका की बेटी अब उनके बीच नहीं रही है तो लोग गुस्से में आ गए। बजरंग दल, विहिप, भाजपा महिला मोर्चा व आम लोग टीन बाजार चौक में जमा हुए और मार्ग जाम कर दिया। इसके बाद महिला मोर्चा की नीतू झा, प्रिया दत्ता, अमन राज, मिथिलेश आदि की अगुवाई में पहले टीन बाजार चौक की सारी दुकानों को बंद कराया गया। इसके बाद सभी लोग नीचे बाजार होते हुए डंगालपाड़ा पीड़िता के घर तक गए। रास्ते में जितनी भी दुकान खुली थी, बंद कराया। जिसने बंद करने में देरी दिखाई तो उसे मानवता का पाठ पढ़ाया। बस स्टैंड व भागलपुर रोड की सभी दुकानों को बंद कराया। दुधानी में टावर चौक के समीप एक घंटे के लिए मार्ग को जाम किया। लोग जमीन पर बैठ कर हत्यारे को फांसी की मांग कर रहे थे। डीएसपी विजय कुमार और बीडीओ राजेश सिन्हा ने सभी को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया।
लोग जुलूस निकालते हुए पीड़ित के जरूवाडीह आवास पहुंचे, लेकिन गली के बाहर ही तैनात जवानों ने सभी को रोक दिया। इसी गली में आरोपित शाहरूख हुसैन का भी घर है। लोगों ने जबरन गली में जाने का प्रयास किया तो पुलिस अड़ गई। इसके बाद कुछ कार्यकर्ताओं के समझाने पर लोग वहां से चले गए। बंदरजोड़ी में लोगों ने बीच सड़क में टायर व लकड़ी जलाकर प्रदर्शन किया।
लोगों में सबसे ज्यादा गुस्सा एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी के खिलाफ है। विरोध प्रदर्शन कर रहे अमन राज समेत अन्य लोगों का कहना है कि अंकिता के मैट्रिक प्रमाण पत्र से उसकी जन्मतिथि 26 नवंबर 2006 है। यानी अभी उसकी उम्र 16 साल भी पूरी नहीं हुई है। इसके बाद भी उसे बालिग बताकर केस को हल्का करने का प्रयास किया गया है। ऐसे एसडीपीओ को निलंबित करते हुए दुमका से हटाया जाए। प्रदर्शन के बाद मिथिलेश कुमार, बबलू कुमार, आनंद मांझी, संजय व प्रिया दत्ता ने डीआइजी को आवेदन देकर एसडीपीओ को अविलंब स्थानांतरित करने की मांग की। एसडीपीओ पर हिंदू विरोध काम करने का आरोप लगा। जिले में हमेशा जिहादी मानसिकता वाले लोगों को संरक्षण देते आए हैं। अंकिता जैसी फिर घटना नहीं हो, इसलिए एक सप्ताह के अंदर उनका तबादला कर दिया जाए।
रांची स्थित रिम्स में शनिवार की रात एक बजे से ही अंकिता की हालत खराब होने लगी थी। अंकिता के फूफा नवीन सिंह ने बताया कि रिम्स के जिस बर्न वार्ड में भतीजी का इलाज चल रहा था, उस वार्ड में दो लोगों की मौत हो गई। यह सब अंकिता ने देख लिया। इसके बाद उसे दूसरे वार्ड में भर्ती करने की तैयारी चल रही थी तो हाथ पैर पटकने लगी। हाथ पैर में बंधी पट्टी नोचने लगी। बार बार कहती रही कि उसे मां अपने पास बुला रही है। मां को याद करते करते उसने अंतिम सांस ली। बताया कि अंकिता की मां रेखा देवी कैंसर से पीड़ित थीं और पिछले साल अप्रैल माह में उनकी मौत हो गई। वह अंकिता को बहुत प्यार करती थीं।