मेरठ. अभी तक देखा जाता है कि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं, मगर जल्द ही बच्चे भी अपने अभिभावकों को स्कूल भेजेंगे ताकि माता-पिता भी आधुनिक दौर की बातों को सीख सकें. जी हां, आपको यह थोड़ा आश्चर्यचकित लग रहा होगा कि आखिर क्यों बच्चे अपने अभिभावकों को स्कूल भेजेंगे. दरअसल चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में संचालित मनोविज्ञान विभाग में अभिभावकों के लिए भी स्पेशल आर्ट ऑफ पैरेंटिंग सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है, जिसमें बच्चों की परवरिश किस प्रकार की जाए, वह विशेष रूप से सिखाया जाएगा.

15 दिन का होगा कोर्स, 2 घंटे चलेंगी कक्षाएं
मनोविज्ञान विभाग के एचओडी प्रोफेसर संजय कुमार ने बताया कि यह कोर्स 15 दिन का होगा, जिसमें प्रतिदिन 2 घंटे की कक्षा चलेगी. उन्होंने कहा कि बच्चों और माता-पिता के बीच संवाद का स्तर जो पहले होता था, वह अब देखने को नहीं मिलता. बच्चे जहां टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए 20 कदम आगे बढ़ चुके हैं, वहीं माता-पिता आज भी 80 के दशक में ही जी रहे हैं. ऐसे में माता-पिता भी बच्चों के तर्कसंगत सवालों के जवाब दे सकें, इसलिए यह कोर्स शुरू किया जा रहा है.

2500 रुपए होगी कोर्स की फीस
अभिभावक ट्रेनिंग कोर्स के फीस की बात करें तो 2 हजार रुपए होगा, जबकि परीक्षा शुल्क 500 रुपए रखा जाएगा. ऐसे में जो अभिभावक सर्टिफिकेट कोर्स को करना चाहेंगे, उन्हें ₹2500 का शुल्क जमा करना होगा. 15 दिन स्किल डेवलपमेंट के तौर पर इन कक्षाओं का संचालन किया जाएगा, जिसमें परवरिश से संबंधित सभी बातों का अध्ययन कराया जाएगा.

क्यों पड़ी कोर्स की जरूरत?
अक्सर देखा गया है कि काउंसलिंग में भी अभिभावक और बच्चों के बीच में कई बातों को लेकर मतभेद हो जाता है. भले ही माता-पिता बच्चों के उज्जवल भविष्य और उनकी अच्छाई के लिए कई बातों को बच्चों को समझाना चाहें, लेकिन बच्चे उन बातों को समझना नहीं चाहते. इसलिए मनोविज्ञान विभाग में इस कोर्स को शुरू करने की पहल की जा रही है. स्टूडेंट और अभिभावकों से भी बात की तो उन्होंने भी इस कोर्स का स्वागत किया.