मेरठ. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस बार अगस्त के महीने में मानसून बेहद कम मेहरबान हुआ है। हालांकि सर्वाधिक वर्षा वाले जुलाई के बाद अगस्त माह दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना रहा है, लेकिन फिर भी पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले कम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग का कहना है ये मौसम में बदलाव का कारक बनेगा। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल मानसून समय से पहले विदा हो जाएगा। सितंबर में ही बादलों की आवाजाही खत्म हो सकती है, जिसके बाद अक्टूबर में मौसम ठंडा हो जाएगा। वैसे तो दिसंबर-जनवरी में कड़ाके की ठंड की शुरुआत होती है, लेकिन इस बार समय से पहले नवंबर में ही कड़ाके की ठंड दस्तक दे सकती है।

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. यूपी शाही ने बताया कि वेस्ट यूपी में 9 और 10 सितंबर को बारिश की संभावना बन रही है। तारिख को बारिश आ सकती है। उन्होंने बताया कि अगस्त महीने के दौरान मेरठ में 82 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। इससे पहले अगस्त में 50 मिमी से कम बारिश 2014 में 41.2, और 2005 में 43 मिमी दर्ज की गई थी। उन्होंने बताया कि सितंबर के प्रथम सप्ताह में भी बारिश के आसार नहीं बनते दिख रहे हैं।

डॉ. शाही ने बताया कि मानसून ने इस बार अप्रत्याशित व्यवहार किया है। जुलाई में तो बारिश के आंकड़े सामान्य रहे। अगस्त के प्रथम सप्ताह में वेस्ट यूपी के मेरठ, शामली और मुजफ्फरनगर जिलों में ठीक-ठाक बारिश हुई थी। लेकिन, उसके बाद अचानक गिरावट दर्ज हुई है।