नई दिल्ली। टाटा के पूर्व चेयरमैन सायरस मित्री की सड़क दुर्घटना में जान जाने के बाद लोगों के मान लग्जरी गाड़ियों के प्रति भी अविस्वास पैदा हो रहा है। लोगों का कहना है कि इतनी महंगी गाड़ियों में कुछ अहम और मामूली फीचर्स क्यूं नहीं दिए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी वाहन निर्माण करने वाली कंपनियों से नाराज दिखे।
एक टेलीविजन को दिए गए इंटरव्यू में केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को इकॉनमी कारों के निर्माताओं से सवाल किया और कहा, “वही कंपनी, जब वह उन कारों का निर्यात करती है, तो छह एयरबैग डालती है, लेकिन जब वे उन्हें स्थानीय लोगों के लिए बनाती है, तो वे केवल चार एयरबैग लगाते हैं। क्या गरीबों की जान बचाने के लायक नहीं है?
उन्होंने कहा कि इकोनॉमी कारों के निर्माताओं द्वारा दिया गया तर्क है कि एयरबैग की संख्या बढ़ाने से वाहन की लागत पर काफी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि एक वाहन में एक एयरबैग बढ़ाने की लागत 900 रुपये तक आ सकती है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वाहनों में अनिवार्य रूप से छह एयरबैग लगाने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है।
सड़क दुर्घटनाओं पर बात करते हुए गडकरी ने कहा कि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क होने के बावजूद अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा, “हर साल भारत में 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं और सड़क दुर्घटनाओं में 1,50,000 मौतें होती हैं। इसमें से 65 प्रतिशत मौतें 18-34 आयु वर्ग के लोगों की होती हैं।