नई दिल्ली. बच्चे जब छोटे होते हैं तो अक्सर पढ़ाई में ध्यान लगाने में दिक्कत महसूस करते हैं. एक ही चीज बार-बार पढ़ने पर भूल जाना भी कोई नई बात नहीं है जिससे बच्चों और उनके माता-पिता को दोचार होना पड़ता है. माता-पिता को इसलिए क्योंकि टीचर की शिकायत उन्हीं को सुनने को मिलती है कि आपका बच्चा कुछ याद करके नहीं आता या पढ़ाई में पीछे होता जा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि पैरेंट्स कुछ ऐसी टिप्स और ट्रिक्स अपनाएं जिससे बच्चा अगर दिन में बैठकर एक घंटा भी पढ़ ले तो उसे चीजें याद रहें और बार-बार डांट ना खानी पड़े.
कई बार माता-पिता बच्चों को याद करने बैठा तो देते हैं लेकिन यह नहीं देखते कि वे जो कुछ पढ़ रहे हैं वो समझ रहे हैं या नहीं. यह कहना कि ‘ट्यूशन किसलिए लगवाया है’ समस्या का समाधान नहीं है क्योंकि एक दिन पहले जो कुछ वे ट्यूशन से सीख और समझकर आए हैं उनका वह सब भी भूल जाना बड़ी बात नहीं है. इसलिए जब वे याद करने के लिए बैठें तो आप उसे साथ-साथ समझाते भी जाएं.
कई बार होता यह है कि बच्चे जो पढ़ते हैं वो एक बड़ी कहानी या कहें सिलेबस का एक छोटा सा हिस्सा होता है. आप चाहें तो बच्चे को पूरी जानकारी दे सकते हैं जिससे उसे बेहतर तरीके से चीजें मेल खाती हुई या सेंस बनाती हुई लगने लगेंगी और वह बिना रट्टा मारे चीजें याद कर पाएगा.
पेंसिल और कॉपी लेकर बैठना और याद करना बेहद जरूरी है लेकिन पढ़ाई करने का कोई निर्धारित रूल नहीं होता है. बच्चों को वीडियो दिखाकर या फिर फोटो के माध्यम से और प्ले कार्ड आदि का इस्तेमाल करते हुए पढ़ाएं. इसके साथ ही जब आप बहुत छोटे बच्चे को पढ़ाई से जुड़ी एक्टीविटीज करवाते हैं तो वे बेहतर तरीके से चीजें याद कर लेता है.
बच्चों को एक ही चीज एक ही तरह से पढ़ने में दिलचस्प नहीं लगती और जो चीज उन्हें दिलचस्प नहीं लगती उनपर वे ध्यान देने की ज्यादा मेहनत नहीं करते. ऐसे में उनके लिए वर्कशीट (Worksheet) बनाकर या अलग-अलग तरह से टेस्ट लेकर उन्हें सिलेबस याद कराया जा सकता है. यह भी देखा गया है कि बच्चों की टेस्ट के माध्यम से प्रेक्टिस भी अच्छी हो जाती है.
कई बार माता-पिता बच्चे को पढ़ने तो बैठा देते हैं लेकिन उसे पढ़ाई का सही माहौल नहीं देते. जैसे कि बच्चा पढ़ रहा है लेकिन उसके सामने लगातार कुछ कहते रहना, कभी खाने-पीने की तो कभी कपड़े सुखाते रहने की बातें करना, फोन पर लगे रहना, आपस में चुहल करना, यह सब बच्चे का ध्यान भटकाने वाला हो सकता है. बच्चे को पढ़ने के लिए शांत और खाली कमरा दें जहां उसे फोकस करने में सहायता हो. आप उसके साथ कमरे में शांति से बैठ सकते हैं.