नई दिल्ली। हिंदी भारत देश में आधिकारिक तौर पर बोले जाने वाली भाषा है। यह दुनिया की पांच सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। आज 14 सितंबर है और इस दिन को हमारा देश हिंदी दिवस के रूप में मनाता है। इस भाषा का प्रयोग भारत देश के लगभग हर क्षेत्र में किया जाता है। यही नहीं बल्कि विदेशों तक में इस भाषा को बढ़ावा दिया गया है। कई फॉर्नर्स हैं, जो हिंदी के शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। भाषा के विस्तार और सम्मान को देखते हुए आज की तारीख को हर साल राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी, जब सिनेमा से जुड़ता है तो इसका सफर अलग मगर आसान हो जाता है।
हिंदी दिवस के मौके पर हम आपको उन सितारों के बारे में बताएंगे जिनकी इस भाषा पर मजबूत पकड़ है। एक्टिंग में तो इन कलाकारों ने महारथ हासिल की है, उनकी हिंदी संवाद शैली का भी कोई तोड़ नहीं है।
अच्छी हिंदी बोलने वालों की सूची में सबसे पहला नाम आता है बॉलीवुड के दिग्गज नेता अमिताभ बच्चन का, हिंदी के प्रति उनका लगाव सभी जानते हैं। बिग बी को हिंदी बोलते सुनना किसी सुखद एहसास जैसा है। फिल्म के सेट पर हिंदी में लिखी पटकथा और संवाद को काफी महत्व देते हैं। वह जाने माने लेखक और कवि रहे हरिवंश राय बच्चन के पुत्र हैं, इसलिए उन्हें हिंदी कविताओं से लगाव भी ज्यादा है। उनके अधिकतर ट्विट्स भी हिंदी में होते हैं। कौन बनेगा करोड़पति के शो पर भी उन्हें कई बार अपने पिता की लिखी कविताओं को बोलते सुना गया है।
आशुतोष राणा इंडस्ट्री के प्रतिभाशाली कलाकारों में से एक हैं। वह अपने अभिनय कौशल के लिए जाने जाते हैं लेकिन, इसके साथ ही उन्हें हिंदी भाषा में महारथ हासिल है। उन्हें कई बार साहित्य संगोष्ठी के मंच पर हिंदी कविताएं बोलते सुना जा चुका है। उन्होंने कृष्ण के संवाद में रश्मिरथी का पाठ भी सुनाया है। फिल्मों में अधिकतर एंटी हीरो का रोल करने वाले आशुतोष की हिंदी वाकई में सुनने लायक होती है।
अनुपम खेर उन चुनिंदा अभिनेताओं में से हैं, जो हिंदी भाषा में बड़ी सरलता से संवाद बोलने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 400 से अधिक फिल्में की हैं। हर फिल्म में उनकी हिंदी भाषा में संवाद शैली कमाल की होती है।
पंकज त्रिपाठी भी इंड्स्ट्री के मंझे कलाकारों में आते हैं। उनकी हिंदी संवाद शैली गजब की है। वह हिंदी मीडियम से ही पढ़े लिखे हैं और उनकी डायलॉग डिलीवरी भी हिंदी में होती है। इसका श्रेय हिंदी भाषा को लेकर उनके पैशन को जाता है। वह हमेशा हिंदी के ही शो और फिल्में करते हैं। इसका कारण उन्होंने बताया था कि वह इस भाषा में काफी सहज महसूस करते हैं। हिंदी पर उनकी पकड़ इतनी मजबूत है कि शकीला की शूटिंग के दौरान निर्देशक इंद्रजीत लंकेश तक उनसे हिंदी में संवाद करते थे ताकि उन्हें सुन सकें और अपनी हिंदी में सुधार कर सकें।
बहुतायत फिल्मों में अपनी छाप छोड़ने वाले मनोज बाजपेयी का हिंदी भाषा से गहरा नाता है। दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले ‘स्वाभिमान’ से फिल्मों और अब वेब सीरीज में अपनी अदायगी का लोहा मनवा चुके हैं। लेकिन, यह सफर आसान नहीं था। उन्होंने कई इंटरव्यू में बताया है कि अपने संघर्ष के दिनों में रश्मिरथी सुनकर वह खुद का मन बहलाते थे। उन्हें कई मंच पर रश्मिरथी बोलते हुए भी सुना जा सकता है।