नई दिल्ली। ब्लाइंड क्रिकेट में अपने खेल से जलवा दिखा चुके भालाजी डामोर इन दिनों पेट पालने के लिए भैंस-बकरियां चरा रहे हैं. भालाजी डामोर ने साल 1998 के ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन अब वह भैंस-बकरियां चराने को मजबूर हैं.

साल 1998 में ब्लाइंड क्रिकेट के पहले वर्ल्ड कप में भालाजी डामोर ने अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचाया था. बता दें कि भारत 1998 के ब्लाइंड वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका से हार गया था.

ब्लाइंड क्रिकेट में भालाजी डामोर का रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है और उन्होंने कुल 125 मैचों में 3125 रन बनाए और 150 विकेट भी लिए. साल 1998 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले भालाजी डोमोर को पूर्व राष्ट्रपति के. आर नारायणन से अवॉर्ड भी मिला था. हालांकि भालाजी डोमोर को कोई नौकरी नहीं मिली, जिसकी उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत थी.

भालाजी डामोर अरावली जिले के पिपराणा गांव के रहने वाले हैं. इन दिनों भालाजी डामोर अपने गांव के खेत में काम करते हैं. इसके अलावा उन्हें गुजारे के लिए भैंस-बकरियां भी चरानी पड़ रही है. भालाजी डोमोर की पत्नी और एक बेटा भी है. भालाजी डोमोर के घर पर बर्तन तक नहीं हैं, साथ ही पूरा परिवार जमीन पर सोता है.