नई दिल्ली. कांग्रेस में एक बार फिर बड़ी सेंध लगी है। इस बार कांग्रेस के विधायक गोवा में टूटे हैं। कांग्रेस नेताओं की यह टूट राजनीतिक लिहाज से इसलिए और महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि कांग्रेस अपने संगठन और जनाधार को मजबूत करने के लिए भारत जोड़ो यात्रा कर रही है। कांग्रेस में हो रहे बिखराव को लेकर कांग्रेस के ही बड़े नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि पार्टी में संगठनात्मक स्तर पर जब तक बड़े फेरबदल नहीं होंगे और नेतृत्व के साथ बेहतर सामंजस्य नहीं होगा तब तक ऐसी परिस्थितियां बनती रहेंगी।
कांग्रेस के बड़े नेताओं के छोड़ने का सिलसिला चल ही रहा था कि अचानक गोवा में कांग्रेस के बड़े जनाधार वाले नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ दिया। कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेता और पूर्व पदाधिकारी बताते हैं कि पार्टी में सबसे बड़ा संकट इस वक्त विश्वास का बना हुआ है। उनका कहना है पार्टी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ तो कर रही है, लेकिन नेताओं में जिस तरीके से आपसी मनमुटाव और वाद-विवाद खुलकर सामने आ रहा है वह पार्टी के लिए बेहतर नहीं है। उक्त नेता का कहना है कि जब तक संगठनात्मक स्तर पर बड़े फेरबदल नहीं होंगे और पार्टी के मुखिया के साथ जब तक जमीन से जुड़े हर नेता का बेहतर सामंजस्य नहीं होगा तब तक पार्टी में बहुत कुछ बदलने जैसी उम्मीद करना बड़ा मुश्किल लगता है।
कांग्रेस से जुड़े नेताओं का कहना है कि अगर बीते कुछ दिनों के घटनाक्रम को और पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को देखें, तो उनमें कई नेता ऐसे हैं जो कांग्रेस पार्टी में शुरुआती दौर से बने हुए थे। उक्त कांग्रेस नेता का कहना है कि अगर एक नेता पार्टी छोड़कर जाता है तो माना जा सकता है कि उसी नेता में कोई कमी रही होगी। लेकिन पार्टी छोड़ने का सिलसिला लगातार चल रहा है और बड़े नेता छोड़कर जा रहे हैं। तो ऐसे में पार्टी को मंथन करने की आवश्यकता है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक ओपी मिश्रा कहते हैं कि जब भी कोई राजनैतिक दल लोगों के बीच में जाता है और उनसे सीधे मिलता है तो निश्चित तौर पर उससे जुड़ाव बनता ही बनता है। भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से कांग्रेस कुछ ऐसा ही कर रही है। मिश्रा कहते हैं कि लेकिन इतने बड़े आयोजन के बीच में पार्टी को इस तरीके के झटके बड़ा नुकसान पहुंचाने वाले हैं। वह कहते हैं कि गोवा में विधायकों का एक बड़ा समूह का टूट जाना बताता है कि इन नेताओं की अपने आलाकमान के साथ या दूसरे ने बड़े नेताओं के साथ कैसी बॉन्डिंग रही होगी। उनका कहना है सिर्फ गोवा में ही नहीं, बल्कि राजस्थान में जिस तरीके से पार्टी नेताओं के बीच में वाद-विवाद जनता के बीच में आता रहता है, उससे विपक्षी पार्टी को मजबूत होने में बल मिलता है। ऐसे में कई बार पार्टी के बड़े नेता अपने भविष्य तलाशते हुए दामन भी छोड़ते हैं और नए दलों में जाकर अपनी मजबूत दावेदारी भी पेश करते हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी में जब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता और उसके बाद संगठनात्मक स्तर पर बड़े फेरबदल नहीं हो जाते, तब तक यह कह पाना मुश्किल होगा कि पार्टी भारत जोड़ो आंदोलन से अपने नेताओं को कितना जोड़ पाएगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी में कई बड़े नेताओं और उनके साथ जुड़े हुए दूसरे नेताओं के बीच मतभेद सबके सामने हैं। कई बार यह मामले पब्लिक फोरम में भी आते हैं और उससे उसका संदेश बड़ा गलत जाता है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी को यह बात बिल्कुल स्पष्ट तरीके से समझ लेनी चाहिए कि जब भी उनकी खामियों को लेकर विरोधी दलों को मौका मिलेगा, तो वह हर स्तर पर हमला करेंगे।